Punjab news, ट्रम्प प्रशासन द्वारा अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे नागरिकों को निर्वासित किया जा रहा है। इसी प्रकार, अमेरिका से आए एक अन्य विमान ने अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस भेजा, जिनमें कोटकपूरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बग्गेआना गांव निवासी गुरप्रीत सिंह भी शामिल था। जिसने अपनी कहानी बताई।
अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों का दूसरा जत्था शनिवार रात 10 बजे पंजाब के अमृतसर हवाई अड्डे पर भेजा गया। जिसमें 119 भारतीय शामिल थे।
अमेरिका से निकाले गए एनआरआई में से एक कोटकपूरा के बग्गेआना गांव के गुरप्रीत सिंह रविवार सुबह अपने घर पहुंच गए। हालांकि गुरप्रीत सिंह और उनका परिवार अभी भी गहरे सदमे में है, लेकिन गुरप्रीत सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए अपने साथ हुई धोखाधड़ी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है और केंद्र व राज्य सरकारों से मांग की है कि पंजाबियों को अवैध रूप से अमेरिका भेजने वाले ट्रैवल एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
गुरप्रीत सिंह, जो अमेरिका से निकाले गए 116 भारतीयों में से एक थे, 15 दिन पहले इटली से सीमा पार कर आये थे और पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
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गुरप्रीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वह एक मेहनती युवक है और हालांकि उसने पहले डेयरी फार्म खोला हुआ था, लेकिन उसके कई पशु ढेलेदार चर्म रोग के कारण मर गए। इसके बाद उन्होंने घोड़ों का व्यवसाय शुरू किया, लेकिन यह व्यवसाय भी उन्हें पसंद नहीं आया। इसके बाद वह किसी तरह पैसे जुटाकर विदेश चला गया और इटली पहुंच गया।
इटली में गुरप्रीत सिंह ऐसे लोगों के संपर्क में आया जिन्होंने उसे यह कहकर धोखा दिया कि वे उसे संयुक्त राज्य अमेरिका में कानूनी रूप से बसने में मदद करेंगे। इसके लिए उसने करीब 40 लाख रुपए खर्च किए, लेकिन बाद में वे लोग उसे इटली से सीमा पार कराकर अमेरिका ले गए, लेकिन वहां वह पकड़ा गया। अमेरिका में पकड़े जाने के बाद वह करीब 15 दिन तक अमेरिकी पुलिस कैंप में रहे जहां उन्हें ठीक से खाना भी नहीं दिया गया और पूरा परिवार गहरे सदमे में है।
इस मामले में गुरप्रीत सिंह के रिश्तेदार मोदन सिंह ने राज्य सरकार व केंद्र सरकार से मांग की है कि ऐसे धोखेबाज ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए तथा गुरप्रीत सिंह के रोजगार का भी प्रबंध किया जाए।