Punjab News: आठवें गुरु, बाला प्रीतम श्री गुरु हरकृष्ण पातशाह जी की जयंती उनके जन्मस्थान, गुरुद्वारा शीश महल साहिब, श्री कीरतपुर साहिब में मनाई गई। जिसमें आज सुबह सबसे पहले 12 श्री अखंड पाठ साहिबानों के भोग डाले गए, जिसके बाद धार्मिक दीवान का आयोजन किया गया। जिसमें पंथ के प्रसिद्ध कीर्तन जत्थों द्वारा संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया गया।
इस अवसर पर शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने दरबार साहिब को ईमेल के माध्यम से मिल रही धमकियों के बारे में बोलते हुए कहा कि सरकार के पास भारी संसाधन हैं और सरकार कुछ ही घंटों में असली दोषियों को पकड़ सकती है। उन्होंने मांग की कि सरकार दरबार साहिब को दी जा रही धमकियों की सच्चाई तुरंत उजागर करे ताकि लोगों को इस घटना के पीछे के षड्यंत्रकारियों का पता चल सके।
एडवोकेट धामी ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी पर्व बड़े स्तर पर मनाया जा रहा है और इन समागमों में शामिल होने के लिए देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य उच्च अधिकारियों को जातिवार निमंत्रण पत्र जारी किए जाएंगे।
हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि हालांकि पिछले पांच दिनों से लगातार धमकियां मिल रही हैं, लेकिन श्री दरबार साहिब में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने कहा कि श्री दरबार साहिब एक धार्मिक स्थल है जहां विश्व के सभी धर्मों के लोग नतमस्तक होते हैं तथा यहां से गुरु साहिब का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इसलिए जहां सिख बड़ी संख्या में श्री दरबार साहिब आते रहते हैं, वहीं अन्य धर्मों के लोग भी लगातार सामूहिक रूप से श्री दरबार साहिब में मत्था टेक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजन करना शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का अधिकार क्षेत्र है। और सरकार को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को वह काम करना चाहिए जो सरकार को करना चाहिए। एडवोकेट धामी ने कहा कि सरकार को इन शताब्दी समारोहों को मनाने में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का सहयोग करना चाहिए, धार्मिक स्थलों तक जाने वाली सड़कों की मरम्मत करनी चाहिए तथा सभी बुनियादी ढांचे में सुधार करना चाहिए ताकि श्रद्धालुओं को पवित्र स्थलों तक पहुंचने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस अवसर पर उनके साथ शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा तथा शिरोमणि कमेटी के सदस्य अमरजीत सिंह चावला विशेष रूप से उपस्थित थे।