Saturday, July 26, 2025
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Punjab News: नकली बीजों की बिक्री होगा गैर-जमानती अपराध, कैबिनेट ने मंजूरी दी

Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब मंत्रिमंडल ने आज एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए नकली बीजों की बिक्री के अपराध को गैर-जमानती बनाने के लिए बीज (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025 पेश करने पर सहमति जताई। इस संबंध में निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पंजाब के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ‘बीज (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025’ पेश करने को मंजूरी दे दी है। शुरू से लेकर अब तक बीज अधिनियम 1966 की धारा 19 में कोई संशोधन नहीं किया गया, जिसके कारण जुर्माने से यह अपराध नहीं रुक पा रहा है। इसलिए, मंत्रिमंडल ने अधिनियम में संशोधन करने तथा ‘बीज अधिनियम (अधिसूचित किस्मों के बीजों की बिक्री के लिए विनियमन)’ की धारा 7 के उल्लंघन के लिए धारा 19ए को सम्मिलित करने के लिए विधेयक तैयार करने को मंजूरी दे दी। इससे जुर्माने में वृद्धि हो गई है और यह अपराध गैर-जमानती हो गया है।

इस प्रस्ताव के अनुसार, पहली बार अपराध करने पर कंपनी को एक से दो साल की कैद और पांच से दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि दोबारा अपराध करने पर दो से तीन साल की कैद और 10 से 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसी प्रकार, डीलर/व्यक्ति को पहली बार अपराध करने पर छह महीने से एक वर्ष तक कारावास और एक से पांच लाख रुपये तक जुर्माना, जबकि दोबारा अपराध करने पर एक से दो वर्ष तक कारावास और पांच से दस लाख रुपये तक जुर्माना होगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले पहली बार अपराध करने पर पांच सौ रुपये का जुर्माना तथा दूसरी बार अपराध करने पर एक हजार रुपये का जुर्माना और छह महीने की कैद की सजा का प्रावधान था।

उद्योगपतियों को जमीन उपलब्ध कराने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास हेतु बड़ी राहत

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने राज्य में औद्योगिक/व्यावसायिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए भूमि (बिक्री या पट्टे के आधार पर) उपलब्ध कराने के लिए एक रूपरेखा विकसित करने पर सहमति व्यक्त की है। इस कदम का उद्देश्य राज्य में निवेश को और बढ़ावा देना है। यह उल्लेखनीय है कि भूमि चाहने वाले निवेशकों के लिए भूमि के भूखंडों की पहचान और व्यवस्था करने के लिए समयबद्ध तंत्र का अभाव था। इसलिए, द्वि-वार्षिक डिजिटल भूमि पूल, 200 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के लिए निवेशक सुविधा, व्यवहार्यता अध्ययन, आरक्षित मूल्य निर्धारण, ई-नीलामी प्रक्रिया, पट्टा विकल्प, नीलामी समयसीमा और अन्य सुविधाओं के साथ एक व्यापक तंत्र को मंजूरी दी गई है।

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