Punjab News: पंजाबी गायक राजवीर जवंधा की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया है। जवंधा को फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहाँ उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। फिलहाल उनका इलाज जारी है। कुछ देर बाद डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी साझा करेगी। जवंधा की मोटरसाइकिल बद्दी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। आपको बता दें कि राजवीर जवंधा को बाइकर के रूप में भी जाना जाता है। इसीलिए वह अपनी मोटरसाइकिल पर लंबी राइड पर जाते हैं।
फोर्टिस द्वारा जारी बुलेटिन
पंजाबी गायक राजवीर जवंधा को 27 सितंबर को फोर्टिस अस्पताल, मोहाली रेफर किया गया था और दोपहर 1:45 बजे इमरजेंसी में उनकी हालत बेहद गंभीर बताई गई थी। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, सुबह एक सड़क दुर्घटना में उनके सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई थीं और फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में स्थानांतरित होने से पहले सिविल अस्पताल में उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा था। पहुँचने पर, आपातकालीन और न्यूरोसर्जरी टीमों द्वारा उनकी तुरंत जाँच की गई। उनकी विस्तृत जाँच की गई और उन्हें फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट पर रखा गया। वह फिलहाल वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें कड़ी निगरानी में रखा गया है।
राजवीर जवंदा लुधियाना जिले के जगराओं के निवासी हैं। वह कॉलेज के दिनों से ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सक्रिय रहे हैं। युवा महोत्सव के दौरान राजवीर ने “टूनी” बजाना सीखा और उसी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी जीता। सबसे पहले उन्होंने अपने गाँव के नगर कीर्तन में साहिबज़ादा अजीत सिंह पर शबद गाया, जो गाँव वालों को बहुत पसंद आया।
राजवीर ने पंजाबी विश्वविद्यालय से टीवी और थिएटर में मास्टर डिग्री हासिल की है। गायन की दुनिया में कई सालों के संघर्ष के बाद, लगभग दस साल बाद, वह अपनी पहली गीत प्रतियोगिता के ज़रिए काफ़ी लोकप्रिय हुए। यह गीत कुंडा धालीवाल ने लिखा था। इसके बाद राजवीर ने केसरी झंडे, ज़मींदार, शौकीन और सरनेम जैसे एक के बाद एक हिट गाने पेश किए।
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साल 2016 में राजवीर ने अपने करियर की शुरुआत “काली जवांदे” गाने से की थी, लेकिन 2017 में आया उनका गाना “कंगणी” उनके लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। यह गाना बेहद हिट रहा और राजवीर को पॉलीवुड में खास पहचान मिली। इसके अलावा, उन्होंने नेहा कक्कड़ जैसी पॉलीवुड और बॉलीवुड की कई मशहूर गायिकाओं के साथ भी गाने गाए हैं।
सिर्फ गायकी ही नहीं, राजवीर ने अभिनय में भी अपनी किस्मत आजमाई और पंजाबी फिल्म “सूबेदार” में सिपाही भूपिंदर सिंह का किरदार निभाया। राजवीर को बुलेट चलाने का शौक है और वह अक्सर अपनी पसंदीदा बुलेट पर पहाड़ी इलाकों में घूमने जाते हैं। कहा जाता है कि उनका गाना “डुग-डुग वाले यार” भी इसी शौक से प्रेरित था। राजवीर जवांदा को बचपन से ही गायन और अभिनय का शौक था और आज उन्होंने अपने इसी शौक को करियर में बदल दिया है और पंजाबी संस्कृति, लोक कलाओं, लोकगीतों और लोकनृत्यों को बढ़ावा दे रहे हैं।