Punjab News: पंजाब राज्य के लिए 5वीं ऑनशोर सुरक्षा समन्वय समिति (ओएससीसी) की बैठक गुरुवार को चंडीगढ़ के होटल हयात रीजेंसी में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) सुरक्षा एसएस सिंह की अध्यक्षता में हुई। डीजीपी पंजाब गौरव यादव की ओर से बैठक में शामिल हुए श्रीवास्तव ने बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में एडीजी (आंतरिक सुरक्षा) शिव कुमार वर्मा और एडीजी साइबर क्राइम वी सहित पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। नीरजा, ई.डी. (ओ एंड एम) गेल का ओएससीसी अध्यक्ष आर.के. सिंह और गेल के सलाहकार (सुरक्षा) सौरभ तोलम्बिया के साथ-साथ विभिन्न तेल एवं गैस कम्पनियों, खुफिया ब्यूरो, सीमा सुरक्षा बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल और अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
चर्चा के दौरान गेल, आईओसीएल, एचपीसीएल, बीपीसीएल, एचएमईएल, थिंक गैस, टोरेंट गैस सहित विभिन्न तेल एवं गैस कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने परिचालन का संक्षिप्त विवरण दिया तथा अपनी इकाइयों की सुरक्षा के संबंध में उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।
बैठक के दौरान जिन प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई उनमें सुरक्षा उपायों को मजबूत करना, सुरक्षा प्रोटोकॉल का विस्तार करना तथा सतर्कता बढ़ाने के लिए उन्नत सीसीटीवी शामिल थे। पर्यवेक्षण शामिल किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए एडीजीपी एस.एस. श्रीवास्तव ने तेल चोरी और पाइपलाइन लीकेज जैसे मुद्दों से निपटने के लिए एक मजबूत सूचना नेटवर्क बनाए रखने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में नियमित मॉक ड्रिल और आकस्मिक योजना अद्यतन के महत्व पर भी बल दिया।
तेल एवं गैस कम्पनियों को पूर्ण सहयोग प्रदान करने की पंजाब पुलिस की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए एडीजीपी ने साझेदारों से आग्रह किया कि वे किसी भी सुरक्षा संबंधी मुद्दे के लिए उनसे संपर्क करने में संकोच न करें तथा सक्रिय रूप से सहायता मांगें। उन्होंने राष्ट्रीय संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों के बीच प्रभावी समन्वय के महत्व पर भी बल दिया।
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इस अवसर पर एडीजीपी शिव कुमार वर्मा ने भी तेल एवं गैस कम्पनियों तथा स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के बीच पूर्ण सहयोग के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रभावी सुरक्षा और प्रशासन के लिए मजबूत संबंध आवश्यक है।
एडीजीपी साइबर क्राइम भी रहे। नीरजा ने साइबर सुरक्षा उल्लंघनों के बढ़ते खतरे पर प्रकाश डाला। उन्होंने पंजाब साइबर अपराध प्रभाग की विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए तेल और गैस कंपनियों को व्यापक सहायता की पेशकश की। इसके अलावा, उन्होंने साइबर सुरक्षा व्यवस्था का आकलन करने तथा अपनी इकाइयों में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए विशेष टीमें भेजने का प्रस्ताव रखा।