Monday, June 23, 2025
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Punjab News: पंजाब सरकार ने नई खनन नीति जारी की, भ्रष्टाचार पर लगाम

Punjab News: वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने घोषणा की कि पंजाब सरकार की नई खनन नीति भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने तथा रेत और बजरी संसाधनों का नियंत्रण सीधे लोगों के हाथों में देकर राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वित्त मंत्री ने खनन एवं भूविज्ञान मंत्री बरिन्दर कुमार गोयल के साथ पंजाब माइनिंग पोर्टल पर भूस्वामी खनन स्थलों (एलएमएस) और क्रशर खनन स्थलों (सीआरएमएस) के लिए ऑनलाइन आवेदन फार्म लांच करने के अवसर पर यह घोषणा की।

इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि नई नीति का मुख्य उद्देश्य भूमि मालिकों को सशक्त बनाना है क्योंकि इस नए ढांचे के तहत अब भूमि मालिकों को बिना नीलामी के अपनी जमीन से रेत और बजरी निकालने का सीधा अधिकार होगा। इसके अतिरिक्त, नई खनन नीति में अवैध खनन गतिविधियों को समाप्त करने के लिए मजबूत तकनीकी उपाय शामिल हैं, जिसमें खनन स्थलों और परिवहन मार्गों पर कैमरों और रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (आरएफआईडी) निगरानी की अनिवार्य तैनाती शामिल है। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण परिवर्तन से बिचौलियों की भूमिका और एकाधिकार की संभावना समाप्त हो जाएगी, जिससे अधिकार सीधे भूमि के वास्तविक मालिकों के पास आ जाएंगे।

वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों के विपरीत, जिन्होंने अपने खजाने भरने के लिए अवैध खनन को संरक्षण और प्रोत्साहन दिया, हम खनन क्षेत्र में पूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि उन्नत निगरानी प्रौद्योगिकियों के क्रियान्वयन से अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी तथा यह सुनिश्चित होगा कि खनन का लाभ पिछली सरकारों के संरक्षण से लाभ उठाने वाले कुछ चुनिंदा लोगों के बजाय आम जनता तक पहुंचे, तथा साथ ही हमारे प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा भी होगी।

ऑनलाइन खनन आवेदन प्रक्रियाओं पर प्रकाश डालते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह प्रशासनिक पारदर्शिता, प्रक्रियाओं के सरलीकरण और तकनीकी एकीकरण के प्रति आप सरकार की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है। उन्होंने बताया कि आवेदन पत्र अब सभी संभावित आवेदकों के लिए तत्काल प्रभाव से आधिकारिक पोर्टल (https://minesandgeology.punjab.gov.in) पर उपलब्ध हैं। भूस्वामी अब उपयोगकर्ता-केंद्रित इंटरफेस के माध्यम से आसानी से खनन परमिट के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्राप्त आवेदनों पर यथाशीघ्र विचार किया जाएगा ताकि पात्र भूस्वामी बिना किसी प्रक्रियागत बाधा के कानूनी रूप से खनन कार्य शुरू कर सकें।

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खनन एवं भूविज्ञान मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने बताया कि इस पहल के तहत पहले से स्वीकृत जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट (डीएसआर) में शामिल स्थलों के लिए तुरंत आवेदन करने का प्रावधान है। इसके साथ ही खनिज युक्त भूमि के भूस्वामियों के लिए जिला खनन पदाधिकारी के माध्यम से जिला प्रशासन या खनन एवं भूतत्व विभाग तक पहुंचने का आसान रास्ता भी उपलब्ध हो गया है। सरलीकृत आवेदन प्रपत्र केवल आवश्यक प्रमाणपत्रों पर ध्यान केंद्रित करके दस्तावेज़ीकरण आवश्यकताओं को न्यूनतम कर देते हैं, जिसमें वास्तविक भूस्वामी का विवरण, भूमि विवरण और खनन प्रस्ताव शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक चरण पर आवेदकों की सहायता के लिए पोर्टल पर विस्तृत प्रक्रिया प्रवाह चार्ट के साथ एक व्यापक उपयोगकर्ता मैनुअल भी उपलब्ध है। दस्तावेज़ सत्यापन के बाद, खनन और भूविज्ञान विभाग पात्र आवेदकों को आशय पत्र (एलओआई) जारी करेगा।

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