Punjab News: आज पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब 25/11 के प्रदेश अध्यक्ष बलविंदर सिंह राठ, प्रदेश अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि परिवहन कर्मचारियों की मांगों के समाधान के लिए मुख्यमंत्री पंजाब द्वारा 1 जुलाई 2024 को कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी को 1 महीने के अंदर मांगों का समाधान करने की समय सीमा दी गई थी। आज 1 साल से ज्यादा हो गया है और मांगें जस की तस लंबित हैं। परिवहन मंत्री और आला अधिकारियों के साथ करीब 50 से 55 मीटिंग हो चुकी हैं।
हर बार सिर्फ विलाप ही सुनने को मिलता है। इससे साफ पता चलता है कि आम आदमी पार्टी सरकार सिर्फ मीटिंग कर सकती है, मांगों का समाधान नहीं कर सकती, जबकि चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के चुने हुए प्रतिनिधि और खुद परिवहन मंत्री पंजाब के धरनों में आकर कहते थे कि आते ही आप सभी को स्थायी कर देंगे, लेकिन आज हालात यह हैं कि आम आदमी पार्टी सरकार में अफसरशाही हावी है और सारा काम दिल्ली से हो रहा है।
ये मंत्री जो संतरी की तरह काम कर रहे हैं, पंजाब की जनता और कर्मचारी संगठनों का मज़ाक उड़ाकर बस समय काट रहे हैं और पंजाब को लूट रहे हैं। कई बैठकें करने के बावजूद, मांगों का समाधान न होना साफ़ दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी सरकार भी जनता के साथ राजनीति कर रही है। पंजाब में अभी तक एक भी कर्मचारी पक्का नहीं हुआ है। चुनावी घोषणापत्र में कर्मचारियों से किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया गया है।
प्रदेश सचिव शमशेर सिंह ढिल्लों और संयुक्त सचिव जगतार सिंह ने कहा कि विभागों में घाटे में चल रही किलोमीटर स्कीम के तहत बसें उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है, जिससे बड़े परिवहन माफियाओं को छूट मिल रही है और विभागों को अपने खर्चे पर लूटने की नीयत से निजीकरण किया जा रहा है। जब परिवहन विभाग एक सार्वजनिक संपत्ति है, तो अब सरकार और प्रबंधन पंजाब की सार्वजनिक संपत्ति को निजी लोगों को बेचकर पंजाब के लोगों को यात्रा सुविधाओं से वंचित करना चाहते हैं।
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जबकि सरकार को बसें उपलब्ध कराने के लिए विभाग को एक पैसा भी नहीं देना पड़ता। विभाग अपने स्तर पर बैंकों से कर्ज लेकर बसें मंगवाते हैं और कर्मचारियों की मेहनत से उस कर्ज को किश्तों में चुकाया जाता है। प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरकेश कुमार विक्की, बलजिंदर सिंह बराड़ ने प्रेस मीडिया को बयान देते हुए कहा कि विभाग लाभ में हैं लेकिन सरकार मुफ्त यात्रा का पैसा समय पर जारी नहीं कर रही है और नई बसें शुरू करने से रोक रही है और निजी बसों के किलोमीटर नहीं बढ़ाना चाहती है। आम आदमी पार्टी सरकार ने न तो कर्मचारियों को स्थायी किया है और न ही कोई विभागीय बस खरीदी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने लिखित बयान दिया था कि एक महीने के भीतर मांगों का समाधान कर दिया जाएगा, लेकिन एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मांगें अभी तक वैसे ही लंबित हैं। इसके चलते यूनियन ने फैसला किया है कि अगर मांगों का समाधान नहीं किया गया तो 29/09/2025 से विधानसभा सत्र का विरोध करने और पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास पर धरना देने के साथ-साथ पूरे पंजाब में चक्का जाम किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी पंजाब सरकार और मैनेजमेंट की होगी।