Punjab News: खालसा पंथ की स्थापना दिवस बैसाखी के दिन जहां तख्त श्री केसगढ़ साहिब में तीन दिनों से चल रहे अखंड पाठ साहिब का भोग डाला गया, वहीं आज श्री आनंदपुर साहिब की ऐतिहासिक धरती पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने माथा टेका तथा विभिन्न प्रकार के लंगर भी बरते गए।
इसके साथ ही आज तख्त श्री केसगढ़ साहिब में प्रोफेसर पंडित राव धारनवार अपने कंधों पर ऊरा आई लिखा बोर्ड लेकर गुरुमुखी लिपि का प्रचार व प्रसार करते नजर आए। आपको बता दें कि पंडित राव ने कहा कि अगर हम अपने बच्चों को 35 अक्षरों वाली गुरुमुखी लिपि से जोड़ेंगे, तभी हमारे बच्चे दसवें गुरु के प्रकाश श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में लिखी गुरबाणी को पढ़ पाएंगे।
वर्तमान समय में हम अपने बच्चों को अंग्रेजी बोलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, लेकिन अपनी मातृभाषा पंजाबी की उपेक्षा कर रहे हैं, जिसका हमें भविष्य में बहुत खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसलिए हमें अपने बच्चों को जहां गुरबाणी से जोड़ना है, वहीं उन्हें गुरुमुखी से भी जोड़ना है।
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इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यदि कोई विद्यार्थी 35 अक्षरों का सही उच्चारण कर लेगा तो उसे 500 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। 35 और कहा कि वह अपनी हर सांस अपने बच्चों को गुरुमुखी लिपि से जोड़ने के लिए समर्पित करेंगे। आपको बता दें कि पंडित राव ने जापो जी साहिब का पंजाबी से अनुवाद करने के बाद कन्नड़ में भी अनुवाद किया है ताकि केरल के लोग कन्नड़ में जापो जी साहिब का जाप कर सकें।