Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, पंजाब सरकार ने महिलाओं के स्वास्थ्य, सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिससे लाखों लोगों के जीवन में बदलाव आया है। ‘नई दिशा’ योजना पंजाब की हर लड़की और महिला के आत्मसम्मान का प्रतीक बन गई है। यह योजना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि मान सरकार केवल वादे नहीं करती, बल्कि ज़मीनी स्तर पर काम भी करती है। सरकार का स्पष्ट मानना है कि महिलाओं के लिए स्वास्थ्य एक विकल्प नहीं, बल्कि प्राथमिकता है!
‘नई दिशा’ योजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जीने का अवसर प्रदान करना है। सरकार समझती है कि मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन स्वच्छता के अभाव में महिलाओं और किशोरियों में गंभीर बीमारियाँ फैल रही हैं। इस महिला-उन्मुख योजना के माध्यम से, राज्य के 23 जिलों के 27,313 आंगनवाड़ी केंद्र हर महीने ज़रूरतमंद महिलाओं और लड़कियों को नौ मुफ़्त सैनिटरी पैड वितरित करते हैं।
यह योजना पूरे पंजाब में सक्रिय रूप से चल रही है, जिसमें हर महीने लगभग 1,365,650 महिलाएँ और किशोरियाँ नामांकित होती हैं। ये पैड 27,313 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर पहुँचाए जा रहे हैं, जो दिन-रात मेहनत कर रही हैं ताकि कोई भी ज़रूरतमंद महिला इस सुविधा से वंचित न रहे।
माननीय सरकार की ‘नई दिशा’ योजना ने गाँवों और शहरों, दोनों जगहों की लाखों महिलाओं के जीवन को बदल दिया है। खासकर गाँव की महिलाएँ इस योजना से बहुत खुश हैं और माननीय सरकार की तहे दिल से शुक्रगुज़ार हैं। गाँव की रहने वाली गुरप्रीत कौर कहती हैं, “पहले हमारे पास पैसे नहीं होते थे, हम पुराने कपड़े पहनते थे और अक्सर बीमार पड़ जाते थे। अब मान साहब की बदौलत, बिना किसी शर्म या झिझक के, हर महीने हर घर तक पैड पहुँच जाते हैं! आंगनवाड़ी दीदियाँ यह सेवा देने के लिए घर-घर जाती हैं और हमारा पूरा ध्यान रखती हैं।” यह सिर्फ़ गुरप्रीत की आवाज़ नहीं है, बल्कि पंजाब भर की लाखों महिलाओं की आवाज़ है, जो आज कहती हैं कि मान सरकार ने उनका जीवन आसान बना दिया है।
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यह सिर्फ़ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक अभियान है जो लाखों लोगों के जीवन को छूता है। पंजाब में अब तक 3 करोड़ 68 लाख 72 हज़ार 550 से ज़्यादा सैनिटरी पैड महिलाओं तक पहुँच चुके हैं। इन पैड्स के वितरण का मतलब है कि लाखों परिवारों से बीमारी का डर दूर हो गया है। सरकार अब तक इस नेक काम पर ₹14 करोड़ 4 लाख (₹14.04 करोड़) खर्च कर चुकी है और हर पैसा महिलाओं के स्वास्थ्य और आत्मविश्वास को सीधे तौर पर फ़ायदा पहुँचा रहा है। यह निवेश सरकार की मज़बूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इन सैनिटरी पैड्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये 100% बायोडिग्रेडेबल हैं। पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल फ़ैब्रिक से बने होने के कारण ये मिट्टी में प्राकृतिक रूप से घुल जाते हैं। इस प्रकार, ये न तो पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते हैं और न ही महिलाओं को रसायनों की चिंता करने की ज़रूरत है। यह पहल साबित करती है कि सरकार न केवल स्वास्थ्य के प्रति चिंतित है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता देती है।

