Punjab News: श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार एवं तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज तथा तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बाबा टेक सिंह ने आज अमृतसर के अजनाला क्षेत्र में स्थित गांव गग्गो महल स्थित गुरुद्वारा जनम स्थान भाई जीवन सिंह से ढोल बजाकर धार्मिक प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि जो खिला है सो मिला है। यह आंदोलन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की धर्म प्रचार कमेटी की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब की छत्रछाया में शुरू किया गया है। इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब में विशेष गुरमत समारोह आयोजित किया गया, जिसमें शहर व क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। रागी, ढाडी और कविशर के जत्थों ने संगत को गुरबाणी और गुरु के इतिहास से जोड़ा। गुरमत समारोह के समापन पर जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने स्वयं अरदास की।
अपने संबोधन में जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने कहा कि ‘खुआर हो सब मिलेंगे’ धर्म प्रचार मुहिम के तहत पंजाब व अन्य राज्यों के हर गांव, कस्बे व शहर में जाकर गुरुओं के दर्शन व संदेश को पहुंचाया जाएगा तथा अधिक से अधिक संगत को अमृतपान के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पवित्र गुरबानी और सिख धर्म से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस आंदोलन के तहत पंजाब में पिछले कुछ समय से हो रहे धर्मांतरण पर अंकुश लगाने के साथ-साथ सिख संगठनों में एकता को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस मुहिम के तहत शिरोमणि कमेटी के सहयोग से गांवों व शहरों के गुरुद्वारा साहिबों में लगातार एक साल तक चरणबद्ध तरीके से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे तथा संगत के माध्यम से परिवारों को गुरबाणी व गुरमत से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि वे स्वयं गांवों में गुरुद्वारों में जाकर सिख धर्म का प्रचार करेंगे तथा सिख धर्म से भटके भाई-बहनों को पुनः जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब में सिख विरोधी सांप्रदायिकता भी एक बड़ी समस्या है, जिससे एकजुटता से निपटने की जरूरत है। आज से लगभग 100 वर्ष पहले, जब अमृतसर में चार सिखों ने घोषणा की कि वे धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, तो उस समय के प्रमुख सिख विद्वानों ने पूरे सिख समुदाय को एकत्रित किया और सिंह सभा आंदोलन शुरू किया। यह सच है कि आज पंजाब में सिख धर्म की कम समझ रखने वाले सिख परिवारों का धर्म परिवर्तन करने के लिए बड़े पैमाने पर षड्यंत्र चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सच्चा सिख अपने बाल कटवा लेता है, लेकिन सिख धर्म नहीं छोड़ता। पंजाब में भ्रष्टाचार और नशे का बोलबाला है, लेकिन गुरु जी ने हमें पवित्र रहने का गुण दिया है और हमें केवल भोजन और गुरबाणी तक ही सीमित रहने की प्रेरणा दी है।
उन्होंने कहा कि प्रार्थना के बाद पढ़ी जाने वाली दोहे का बहुत महत्व है, क्योंकि इसमें कहा गया है कि सभी भूखे लोग पुनः मिल जाएंगे। आज हम थक गए हैं, लेकिन हम फिर से इकट्ठा होंगे, हम हर गांव तक पहुंचेंगे, अपने परिवारों के साथ बैठेंगे, और उनकी कहानियां सुनेंगे। गुरू साहिब के दर्शन में कोई भेदभाव नहीं है। हम सभी गुरभाई हैं और एक ही परिवार हैं। गुमराह लोग झूठे सुख, लालच और पाखंड के माध्यम से धोखा खा जाते हैं, लेकिन एक सच्चा सिख हमेशा सिख धर्म पर अडिग रहता है। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन का एक बड़ा कारण यह है कि आज हम गुरु से दूर हो गए हैं।
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उन्होंने कहा कि पंजाब के बारे में यह झूठी कहानी गढ़ी जाती है कि यहां जातिगत भेदभाव है, लेकिन यह गुरुओं की धरती है और यहां ऐसा कुछ नहीं है। पंजाब में बिखरे सिखों को अलग करने का नाटक भी एक साजिश के तहत किया गया, लेकिन सिख इसे कभी सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि सिखों के बीच चल रहे आंतरिक गृहयुद्ध को भी रोकने की जरूरत है। आज सिख संस्थाओं को कमजोर करने और उन पर नियंत्रण करने की साजिशें रची जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि गुरू साहिब ने सिखों को दशमांश देने का सिद्धांत दिया है और प्रत्येक क्षेत्र में सिख समुदाय का यह कर्तव्य है कि वे दशमांश दें तथा जरूरतमंद परिवारों की सार्थक तरीके से सीधे मदद करें। उन्होंने कहा कि देश-विदेश से पंजाब में जरूरतमंदों को दान देने वाले सिख परिवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके द्वारा भेजा गया दान सही जगह पहुंच रहा है या नहीं। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से कहा कि हम बाबा गरजा सिंह व बाबा बोता सिंह के उत्तराधिकारी हैं, इसलिए हमें धार्मिक प्रचार आंदोलन को आगे बढ़ाना चाहिए।
इस अवसर पर एसजीपीसी की आंतरिक कमेटी के सदस्य अमरीक सिंह विछोआ ने अजनाला हलके से धर्म प्रचार लहर आंदोलन शुरू करने के लिए सिंह साहिब का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में धर्मांतरण की समस्या है और उन्होंने सिख धर्म प्रचार आंदोलन के तहत इसे प्रभावी रूप से रोकने के लिए अपने सुझाव भी दिए।
जत्थेदार गर्गज ने सभी सिख संगठनों, दमदमी टकसाल, निहंग सिंह संगठनों, कार सेवा प्रमुख हस्तियों और सिंह सभाओं से अपील की कि वे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा शुरू किए गए इस आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन दें।