Punjab News: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) लुधियाना का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने संस्थान के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया और मक्का से जुड़े हितधारकों, किसानों, ग्रामीण विकास योजनाओं के लाभार्थियों और महिला स्वयं सहायता समूहों की दीदियों से बातचीत भी की। इसके बाद, केंद्रीय मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जिसमें पंजाब क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार की प्रमुख कृषि एवं ग्रामीण विकास पहलों और योजनाओं की जानकारी साझा की गई।
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, केंद्रीय रेल एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़ियां भी उपस्थित थे।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन लागत कम करना और किसान की आय बढ़ाना हमारा मुख्य लक्ष्य है। गेहूं और चावल की खेती के मामले में हम पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं, लेकिन कृषि में विविधता लाना बेहद जरूरी है। गेहूँ और धान के बाद तीसरी सबसे बड़ी फसल मक्का है, जिसका उपयोग भोजन के अलावा कई अन्य कार्यों में भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि धान का मुकाबला केवल मक्का ही कर सकता है, जिससे पानी की भी बचत होगी और किसानों को अधिक लाभ होगा। इस दृष्टि से मक्का अनुसंधान संस्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ हो रहे अनुसंधान मक्का उत्पादन बढ़ाने में अत्यंत सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
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उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पंजाब में फसल के नुकसान की भरपाई के लिए गेहूँ के बीजों की निःशुल्क आपूर्ति के लिए ₹74 करोड़ जारी किए हैं और सरसों सहित अन्य बीजों के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 11.09 लाख किसानों के खातों में ₹222 करोड़ अग्रिम रूप से हस्तांतरित किए जा चुके हैं। बागवानी क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी MIDH योजना के माध्यम से सहायता राशि भेजी जाएगी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब की मदद के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री पंजाब में बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने पंजाब को 1600 करोड़ रुपये का पैकेज दिया है ताकि बाढ़ प्रभावित परिवारों का जीवन पटरी पर लौट सके। केंद्रीय मंत्री ने पंजाब में बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए 36703 घरों के पुनर्निर्माण के लिए प्रति परिवार 1 लाख 60 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की है। इसमें से 1 लाख 20 हजार रुपये घरों के निर्माण के लिए और 40 हजार रुपये मजदूरी व शौचालय निर्माण के लिए हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश में बनी वस्तुओं को ही खरीदने का प्रयास करना चाहिए। इससे स्थानीय कारीगरों को लाभ होगा, देश का पैसा देश में ही रहेगा और देश आर्थिक रूप से और समृद्ध होगा।