Punjab News: आरपीजी हमला मामले में पुलिस को अदालत से उस समय बड़ा झटका लगा जब अदालत ने शरण देने वाले आरोपी पिंडू समेत 15 लोगों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया। अदालत ने आरोपियों को रिहा करने के भी आदेश जारी किए।
9 मई 2022 को सेक्टर 77 महाली स्थित पंजाब पुलिस खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी हमले में पनाह देने वाले आरोपियों में शामिल गुरपिंदर सिंह उर्फ पिंडू समेत करीब 15 लोगों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इस मामले में ढाई साल की जांच के बाद एसएसओसी ने अदालत में एफआईआर रद्द करने की रिपोर्ट दायर की, जिसमें कहा गया कि आरोपों का कोई सबूत नहीं मिल सका। इस पर कोर्ट ने राहत देते हुए पिंडू समेत 15 आरोपियों को हिरासत से रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। पुलिस ने इस मामले में आरोप लगाया था कि पिंडू ने हमले के मास्टरमाइंड को शरण दी थी।
हालांकि इस मामले में एसएसओसी ने अदालत में दलील दी कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों के संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं मिला, न ही उनके पास से कोई हथियार बरामद हुआ और न ही हमले में उनका कोई सीधा संबंध पाया गया।
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इस आधार पर अदालत ने मामले की निरस्तीकरण रिपोर्ट पेश की, जबकि पिंडू के वकील सुमित सानी और अनिल सागर ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि न्याय की जीत हुई है। दो साल से अधिक समय तक निर्दोष लोगों को झूठे आरोपों में घसीटा गया।
उल्लेखनीय है कि 9 मई 2022 को मोहाली स्थित राज्य खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी हमले के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई थी।