Punjab News: भाखड़ा बांध के बढ़ते जलस्तर और सतलुज नदी में अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से सतलुज नदी के किनारे रहने वाले गुज्जर समुदाय में चिंता का माहौल है। खासकर, हरसा बेला गाँव के पास नदी किनारे बसे इन परिवारों को अब मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है।
चंगर क्षेत्र में पानी की कमी के कारण ये लोग गर्मियों के महीनों में अपने दुधारू मवेशियों के साथ नदी किनारे आते हैं, लेकिन अब बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया है और वे अपने सामान के साथ घर लौटने को मजबूर हैं।
गुज्जर समुदाय के लोगों ने बताया कि वे हर साल गर्मियों में नदी किनारे रहते हैं ताकि मवेशियों के लिए पानी और चारा आसानी से उपलब्ध हो सके। क्षेत्र में पानी की कमी के कारण, चंगर क्षेत्र के ये गुज्जर हर साल गर्मी का मौसम खत्म होते ही नदी किनारे पहुँचते हैं और अपने घरों को लौट जाते हैं, लेकिन इस बार भाखड़ा बांध से बढ़े पानी ने उनके दैनिक जीवन में मुश्किलें पैदा कर दी हैं।
गौरतलब है कि पंजाब के लोगों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। दरअसल, विश्व प्रसिद्ध भाखड़ा बांध का जलस्तर 1679.24 फीट तक पहुँच गया है, जो खतरे के निशान से केवल डेढ़ फीट दूर है। भाखड़ा बांध के पीछे बनी गोबिंद सागर झील में 109000 क्यूसेक से ज़्यादा पानी आ रहा है, जो पिछले साल के मुकाबले कहीं ज़्यादा है। लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए रूपनगर के उपायुक्त वर्जीत वालिया ने आस-पास के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को घर खाली करने के आदेश जारी किए हैं।
उन्होंने बताया कि भाखड़ा बांध से लगभग 80 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और अगले कुछ घंटों में इससे भी ज़्यादा पानी छोड़ा जा सकता है। उपायुक्त ने चेतावनी दी है कि नदी का पानी नंगल और श्री आनंदपुर साहिब उप-मंडल के निचले गाँवों के खेतों और घरों में घुस सकता है। इसलिए लोगों से सतर्क रहने और अपने घरों को छोड़कर प्रशासन द्वारा तैयार किए गए सुरक्षित स्थानों या राहत शिविरों में पहुँचने का आग्रह किया गया है।