Punjab News, मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए तेजी से काम कर रही है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत ने बुधवार को पंजाब सिविल सचिवालय में रक्षा सेवा कल्याण विभाग और पेस्को के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक के दौरान मंत्री मोहिन्दर भगत ने दोनों विभागों द्वारा की जा रही गतिविधियों की समीक्षा की तथा पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिए विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए।
मंत्री ने विभाग के अधीन सैन्य विश्राम गृहों की भी रिपोर्ट ली तथा उन्हें और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार द्वारा आवंटित बजट तथा अगले वित्त वर्ष 2025-26 के बजट पर भी चर्चा की गई ताकि पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लिए अपेक्षित बजट उपलब्ध करवाया जा सके।
मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों का कल्याण सुनिश्चित करना है। मंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों की समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में सैनिक बोर्ड की त्रैमासिक बैठक आयोजित की जाए ताकि पूर्व सैनिकों की समस्याओं का समयबद्ध समाधान किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को जिला रक्षा सेवा कल्याण अधिकारी द्वारा आयोजित बैठकों की रिपोर्ट सरकार को भेजने के आदेश दिए।
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मंत्री ने पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग के साथ समन्वय करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए उचित कदम उठाने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिलों में भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के साथ जमीनी स्तर पर समन्वय को और मजबूत करें ताकि उन्हें पंजाब सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी मिल सके और वे सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।
इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव रक्षा सेवा कल्याण जे.एम. बालामुरुगन, प्रबंध निदेशक पेस्को मेजर जनरल हरमनदीप सिंह और निदेशक रक्षा सेवा कल्याण ब्रिगेडियर शामिल थे। भूपिंदर सिंह ढिल्लों और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।