Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने लगभग 20 वर्षों के बाद जिला परिषद के अधीन ग्रामीण डिस्पेंसरियों में काम कर रहे कुल 804 कर्मचारियों की बागडोर अपने हाथ में ले ली है। जिला परिषदों के अधीन ग्रामीण डिस्पेंसरियों में कार्यरत 441 ग्रामीण स्वास्थ्य फार्मेसी अधिकारियों/पैरामेडिकल स्टाफ तथा 363 अटेंडेंट-कम-ग्रेड-IV कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की गई है, तथा ये अधिकारी/कर्मचारी 58 वर्षों तक सेवाएं देते रहेंगे।
ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि पर्सोनल विभाग की ओर से 16 मई 2023 को जारी नीति के अनुसार जिला परिषद के अधीन ग्रामीण डिस्पेंसरियों में काम कर रहे 441 ग्रामीण स्वास्थ्य फार्मेसी अधिकारी/पैरामेडिकल स्टाफ और 363 अटेंडेंट-कम-ग्रेड फोर कर्मचारियों को पहली अप्रैल 2025 से कवर किया गया है।
उन्होंने कहा कि फार्मेसी अधिकारियों को पहले 11000 रुपये मासिक वेतन दिया जाता था। अब यह वेतन बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। फार्मेसी अधिकारियों को 5 प्रतिशत से 5000 रुपये तक वेतन वृद्धि मिलेगी।
इसी तरह अटेंडेंट-कम-ग्रेड चार कर्मचारियों को पहले 6000 प्रति माह था, जिसे अब बढ़ाकर रु. 15000 प्रति माह कर दिया गया है। इन कर्मचारियों के वेतन में हर साल 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। वहीं 3 साल के बाद प्रति वर्ष 3 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। नीति के तहत फार्मेसी अधिकारी और परिचारक-सह-ग्रेड चार कर्मचारी 58 वर्ष की आयु तक सेवा करते रहेंगे।
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ग्रामीण डिस्पेंसरियों में काम करने वाले कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले के लिए पंजाब सरकार का आभार जताया है। प्रदेश अध्यक्ष गुरमीत सिंह कुलेवाल ने कहा कि उन्हें 2006 में अनुबंध पर रखा गया था और पिछले 19-20 वर्षों में कई सरकारें बदल गईं, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली। अब आम आदमी पार्टी सरकार ने उनका हाथ थाम लिया है। उल्लेखनीय है कि फार्मेसी अधिकारियों और अटेंडेंट-कम-ग्रेड चार कर्मचारियों को पॉलिसी में शामिल करने से सरकारी खजाने पर हर महीने करीब 72 लाख रुपये का बोझ पड़ेगा।