Saturday, July 12, 2025
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Punjab News: शिक्षा विभाग ने पंजाब में छात्रों को तेलुगु भाषा पढ़ाने के आदेश जारी किए

Punjab News: पंजाब सरकार का शिक्षा विभाग राज्य के सरकारी स्कूलों में तेलुगु भाषा पढ़ाने की तैयारी कर रहा है। लेकिन जैसे ही ये आदेश जारी हुए, शिक्षक संघों और विशेषज्ञों की ओर से विरोध शुरू हो गया। जारी आदेश के तहत कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थियों के लिए 26 मई से 5 जून 2025 तक ‘भारतीय भाषा समर कैंप’ आयोजित किए जाएंगे, जिसमें उन्हें तेलुगु भाषा का बुनियादी ज्ञान दिया जाएगा।

इन आदेशों के पीछे ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ मिशन को आधार बनाया गया है, लेकिन प्रदेश में शिक्षा की मौजूदा स्थिति को देखते हुए शिक्षक संगठन और विशेषज्ञ इस प्रयोग पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं।

अध्यापक संघ का कहना है कि भले ही उनके राज्य में अधिकांश विद्यार्थियों की मातृभाषा पंजाबी है, लेकिन शिक्षा विभाग 12वीं कक्षा के 3800 से अधिक विद्यार्थियों को सामान्य पंजाबी और 10वीं कक्षा के 1571 से अधिक विद्यार्थियों को पंजाबी को उनकी प्रथम भाषा के रूप में उत्तीर्ण नहीं कर सका, लेकिन अब विभाग अध्यापकों को विद्यार्थियों को तेलुगू पढ़ाने के आदेश जारी कर रहा है। पंजाबी भाषा में पिछड़े विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान देने की आड़ में समर्थ मिशन पिछले दो वर्षों से अलग-अलग ग्रुपों में शिक्षा दे रहा है, जिसमें आठवीं कक्षा तक के कई विद्यार्थी अभी भी शब्द पढ़ना-लिखना सीख रहे हैं, यानी वे पंजाबी भाषा में अपने साथी विद्यार्थियों से काफी पीछे हैं।

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त्रिभाषा फार्मूले को तोड़ते हुए चौथी भाषा तेलुगू का बुनियादी ज्ञान प्रदान करने के विभाग के निर्देशों पर टिप्पणी करते हुए डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष विक्रमदेव सिंह, महासचिव महेंद्र कौरवाली और वित्त सचिव अश्विनी अवस्थी ने कहा कि पंजाब शिक्षा विभाग को ऐसे तर्कहीन प्रयोगों से बचना चाहिए। पंजाब के विद्यार्थी पहले से ही त्रिभाषा फार्मूले के तहत तीन भाषाएं सीख रहे हैं, उन पर चौथी भाषा थोपना पूरी तरह से अनैतिक है। साथ ही, आज के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में यदि किसी भी भाषा का दूसरी भाषा में अनुवाद संभव हो सकता है, तो ऐसी स्थिति में छात्रों पर अतिरिक्त मानसिक बोझ डालना अनावश्यक है।

उन्होंने कहा कि विभाग ने निर्देश दिया है कि कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के विद्यार्थियों को तीन समूहों में विभाजित कर कार्य दिवसों में अर्ध अवकाश के बाद तीन घंटे तथा छुट्टियों के दिनों में सुबह के समय ग्रीष्मकालीन शिविर आयोजित कर तेलुगु भाषा सिखाई जाए। नेताओं ने शिक्षा विभाग पर प्रतिदिन नए प्रयोग कर शिक्षा को अस्थिर करने का आरोप लगाया। स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के बजाय शिक्षकों को अन्य कार्यों में उलझाकर उनका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि शिक्षा विभाग सत्र की शुरुआत में एक निश्चित कैलेंडर जारी करे जिसके अनुसार सभी गतिविधियां की जाएं, न कि हर दिन नए प्रयोग किए जाएं।

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