Punjab News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जालंधर जोनल कार्यालय ने शुक्रवार को वित्तीय धोखाधड़ी की जांच के सिलसिले में 42 लाख रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की। यह जांच संजीव कुमार, पूर्व उप-पोस्टमास्टर, साउथ गेट नकोदर उप-कार्यालय, जालंधर, पंजाब और कई अन्य आरोपी व्यक्तियों से संबंधित है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
एक बयान में कहा गया कि यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है। ईडी द्वारा जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा संजीव कुमार और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के बाद शुरू की गई थी। आरोपियों पर डाकघर बचत योजनाओं में धोखाधड़ीपूर्ण लेनदेन के माध्यम से जनता के धन का दुरुपयोग करके सरकार को धोखा देने का आरोप है।
बयान में कहा गया है कि संजीव कुमार पर अपने कार्यकाल के दौरान फर्जी बचत खाते खोलने और वैध खातों में हेरफेर करने का आरोप है, जिससे उन्हें धोखाधड़ी से 8.48 करोड़ रुपये की सरकारी धनराशि निकालने की अनुमति मिली। ईडी की जांच से पता चला कि धोखाधड़ी से अर्जित धन को कुमार और उनके सहयोगियों द्वारा बनाए गए कई बैंक खातों के जटिल जाल के माध्यम से लूटा गया था।
Punjab Weather: 5 जिलों में तापमान 30 डिग्री के पार, आज मौसम में ज्यादा बदलाव नहीं होगा
ईडी की जांच से प्राप्त विस्तृत जानकारी से पता चलता है कि अपराध की आय (पीओसी) को बहुस्तरीय लेनदेन के माध्यम से स्थानांतरित किया गया था, जिसका उद्देश्य अवैध धन को वित्तीय प्रणाली में पहुंचाना था। पी.ओ.सी. का एक बड़ा हिस्सा कथित तौर पर नकद में निकाल लिया गया और कुमार तथा उनके सहयोगियों द्वारा व्यक्तिगत लाभ के लिए विभिन्न तरीकों से लूट लिया गया।
जांच जारी है, तथा अधिकारी वित्तीय धोखाधड़ी और उसके नेटवर्क की पूरी सीमा की जांच कर रहे हैं। 42 लाख रुपये मूल्य की संपत्ति की कुर्की, गलत तरीके से इस्तेमाल की गई धनराशि की वसूली और धोखाधड़ी नेटवर्क को ध्वस्त करने के प्रयासों का हिस्सा है। ईडी अधिकारियों ने कहा है कि वे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर अपना काम जारी रखेंगे। जांच आगे बढ़ने पर और अधिक जानकारी सामने आने की उम्मीद है।