Punjab News: पंजाब में आई बाढ़ ने कई इलाकों में भारी तबाही मचाई है। श्री आनंदपुर साहिब, नंगल और श्री कीरतपुर साहिब से जुड़े बेला गाँव सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं, क्योंकि ये गाँव सतलुज नदी के किनारे बसे हैं। इन इलाकों में न सिर्फ़ घरों को नुकसान पहुँचा है, बल्कि हज़ारों एकड़ में खड़ी फ़सलें भी बर्बाद हो गई हैं। हमारी टीम ने आज शाहपुर बेला गाँव का दौरा किया जहाँ किसानों ने अपना दुख-दर्द साझा किया।
किसानों ने बताया कि सतलुज नदी के पानी ने उनकी फ़सलों के साथ-साथ ज़मीन को भी नुकसान पहुँचाया है। कई खेत अभी भी पानी से घिरे हुए हैं और पानी नदी की तरह बह रहा है। मक्के और चावल की फ़सलों के साथ-साथ कई किसानों की लोकप्रिय फ़सलें भी बर्बाद हो गई हैं। पौधे बुरी तरह जल गए हैं और अब खेतों को सूखने में काफ़ी समय लगेगा। किसानों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि अगली बुवाई कब हो पाएगी।
सरकार ने 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा देने की घोषणा की है, लेकिन किसान इसे कम बता रहे हैं। उनकी मांग है कि कम से कम 30,000 से 35,000 रुपये प्रति एकड़ दिए जाएँ, क्योंकि बुआई और खेती की लागत बहुत ज़्यादा है। किसानों ने यह भी कहा कि खेतों में आई रेत को बेचकर मुनाफ़ा कमाने की मुख्यमंत्री की बातें सिर्फ़ कागज़ों तक ही सीमित हैं। रेत उनके इलाके में आई ही नहीं है, ऊपर से खनन माफिया भी रेत को खेतों तक नहीं पहुँचने देते।
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इसलिए किसानों ने तुरंत गरदावरी करके सरकार से ज़्यादा मुआवज़ा देने की मांग की है। उनका स्पष्ट कहना है कि सरकार उन्हें उचित और उचित मुआवज़ा दे, ताकि वे फिर से खेती कर सकें।