Punjab News: कॉमेडी के बादशाह जसविंदर भल्ला पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। हास्य कलाकार जसविंदर भल्ला को मोहाली के बलौंगी श्मशान घाट में नम आँखों से अंतिम विदाई दी गई। उनके बेटे पुखराज भल्ला ने चिता को मुखाग्नि दी। इससे पहले, उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके निवास स्थान, कोठी नंबर 3045, फेज-7, मोहाली में रखा गया। उनके परिवार के सदस्य, पत्नी परमदीप भल्ला, बेटे पुखराज भल्ला और बेटी अर्शदीप कौर गहरे सदमे में थे।
भल्ला को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और फिल्मी सितारे भी पहुँचे। इनमें अभिनेत्री नीरू बाजवा, गिप्पी ग्रेवाल, अमर नीरू, बिन्नू ढिल्लों, नीरू बाजवा, तानिया, पंजाबी गायक और अभिनेता एमी विर्क, मोहम्मद सादिक, बिन्नू ढिल्लों, करमजीत अनमोल सहित कई अन्य हस्तियाँ शामिल थीं। जसविंदर भल्ला के निधन पर नीलू शर्मा बेहद भावुक हो गईं।
उन्होंने भल्ला के साथ लंबे समय तक काम किया। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री तरनप्रीत सिंह सौंद ने कहा, “जसविंदर भल्ला को उनके योगदान के अनुसार विभाग द्वारा सम्मानित किया जाएगा।” विधायक गज्जन माजरा भल्ला को श्रद्धांजलि देते हुए भावुक हो गए।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा
उनका जन्म 4 मई, 1960 को लुधियाना के एक छोटे से कस्बे दोराहा में हुआ था। उनके पिता बहादुर सिंह भल्ला एक शिक्षक थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दोराहा से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू), लुधियाना से उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने 1982 में पीएयू से बीएससी (कृषि) ऑनर्स और 1985 में एमएससी (विस्तार शिक्षा) की डिग्री प्राप्त की। बाद में, उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से पीएचडी की।
इसके बाद, उन्होंने कृषि विभाग में निरीक्षक के पद पर भी काम किया, लेकिन 1989 में उन्हें उसी पीएयू में विस्तार शिक्षा विभाग में व्याख्याता के पद पर नौकरी मिल गई, जहाँ वे स्वयं पढ़ते थे। इस दौरान, वे पंजाबी संगीत और फिल्मों में भी सक्रिय रहे। पीएयू से उनकी सेवानिवृत्ति गुपचुप तरीके से हुई थी। दरअसल, वे साल 2020 में सेवानिवृत्त हुए थे, उस समय कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा हुआ था। इस वजह से उनकी विदाई पार्टी नहीं हो पाई थी।
1988 में शुरू हुई भल्ला-बले की जोड़ी
जसविंदर भल्ला का कॉमेडी से नाता उनके कॉलेज के दिनों से ही शुरू हो गया था। इससे पहले, वह सिर्फ़ 15 अगस्त और 26 जनवरी को होने वाले कॉलेज फंक्शन में ही कॉमेडी करते थे। 1988 में, उन्होंने अपने दोस्तों बाल मुकुंद शर्मा और नीलू शर्मा के साथ अपनी सबसे मशहूर कॉमेडी सीरीज़ छनकटा शुरू की।
हालांकि, बाल मुकुंद से उनकी दोस्ती 1977 से है। दोनों साथ पढ़ते थे और कॉमेडी भी करते थे। भल्ला (जसविंदर भल्ला) और बाले (बालमुकुंद) की जोड़ी सीरियल छनकटा के ज़रिए लोगों के दिलों तक पहुँची। लोगों को उनका किरदार चाचा छात्र इतना पसंद आया कि सब उन्हें उनके असली नाम की बजाय चाचा छात्र ही कहने लगे।