Punjab News: पंजाब को तबाह करने की राह पर चल रही भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नापाक साजिशों की कड़ी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि पंजाब सरकार ने भाखड़ा बांध पर सी.आई.एस.एफ. तैनात कर दी है। तैनाती के संबंध में केंद्र सरकार के निर्णय का कड़ा विरोध किया जाएगा और राज्य केंद्रीय बलों की तैनाती की लागत में योगदान भी नहीं देगा।
मुख्यमंत्री ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार को एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि न तो हमारे पास किसी अन्य राज्य को देने के लिए एक बूंद अतिरिक्त पानी है और न ही हमारे पास बलपूर्वक सीआईएसएफ तैनात है। क्या इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को कोई धनराशि दी जाएगी?
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह राशि कभी नहीं चुकाएगी, क्योंकि केंद्र सरकार बांध पर केंद्रीय बलों को तैनात करके राज्य का पानी चुराने की नीयत से यह गंदी चाल चल रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्हें खाद्यान्न व अन्य वस्तुओं के लिए पंजाब की जरूरत है, लेकिन दूसरी ओर वे इस जघन्य कृत्य के जरिए राज्य का पानी छीनने की कोशिश कर रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश के लिए पंजाब के महान योगदान के लिए उसे कोई विशेष पैकेज देने की बजाय भाजपा राज्य के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अगले शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएंगे। भगवंत मान ने कहा कि भाजपा इस तरह के घटिया हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य के सख्त खिलाफ है क्योंकि पंजाब के लोगों ने कभी भी उन्हें वोट नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही हैरानी की बात है कि भले ही पंजाब भारतीय सेना में देश की सेवा करने के साथ-साथ राष्ट्रीय खाद्य पूल में बड़ी राशि का योगदान देने में देश में अग्रणी है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने हमेशा राज्य की अनदेखी की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने पंजाब विरोधी मानसिकता अपना ली है, जिसके चलते वह राज्य को बर्बाद करने पर तुली हुई है। भगवंत मान ने कहा कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में दम होगा तो वे राष्ट्रगान से पंजाब का नाम भी हटा देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा में शामिल हो चुके पंजाब के ‘कांग्रेसी नेताओं’ को इस मुद्दे पर चुप नहीं रहना चाहिए और भगवा पार्टी की इस पंजाब विरोधी सोच पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा नीत सरकार संघीय ढांचे या संविधान का सम्मान नहीं करती है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र ने हर संवैधानिक संस्था को कमजोर कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्यपालों का इस्तेमाल लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों के कामकाज में बाधा डालने के लिए किया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। भगवंत मान ने कहा कि भगवा पार्टी के ऐसे दमनकारी और तानाशाही कदमों का कड़ा विरोध किया जाएगा ताकि राज्य के हितों की हर तरह से रक्षा की जा सके।
भगवंत मान ने कहा कि बीबीएमबी ने भाजपा के दबाव में जल्दबाजी में बैठकें बुलाकर अपने ही संविधान का उल्लंघन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) केंद्र के हाथों की कठपुतली है, जो प्रदेश के हितों को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ता और गृह मंत्रालय की नई व्यवस्था भी इसी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने विस्तार से बताया कि सीआईएसएफ भाखड़ा बांध पर है। 296 पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी, जिस पर राज्य को 8.58 करोड़ रुपये का व्यय वहन करना होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि जब पंजाब पुलिस पहले ही बांध की सुरक्षा निशुल्क कर रही है तो हमें यह पैसा बीबीएमबी को दे देना चाहिए। इसे क्यों दें?