Punjab News: नवरात्रि के पहले दिन अमृतसर के प्रसिद्ध दुर्गियाना मंदिर के बाहर धार्मिक अपमान का एक गंभीर मामला सामने आया है। मंदिर के बाहर श्रीमद्भागवत गीता के फटे हुए पन्ने मिलने से हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया है।
दुर्गियाना समिति के उपाध्यक्ष और हिंदू नेता सोमदेव शर्मा ने बताया कि जब वह नित्य पूजा-अर्चना के बाद मंदिर पहुँचे, तो उन्हें मंदिर के बाहर गीता के पन्ने पड़े मिले। उनका कहना है कि ये पन्ने फूलों में लपेटकर बाहर से भेजे गए थे। शर्मा के अनुसार, उन्होंने अपने सामने एक व्यक्ति के पैरों के नीचे गीता का एक पन्ना पड़ा देखा, जिसे उन्होंने वहीं से उठाया। उनका दावा है कि ये पन्ने श्रीमद्भागवत गीता के चौथे अध्याय के थे।
सोमदेव शर्मा ने आरोप लगाया कि घटना की सूचना पुलिस को देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि धार्मिक ग्रंथों के अपमान से धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं और सामाजिक शांति एवं सद्भावना भंग हो सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो मामला जनता के सामने लाया जाएगा।
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दूसरी ओर, दुर्गा चौकी पुलिस अधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में है और जाँच जारी है। पुलिस के अनुसार, जाँच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना से मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं में चिंता और चर्चा का माहौल है। नवरात्रि के पावन अवसर पर धार्मिक ग्रंथों के अपमान ने लोगों के मन में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।