Punjab News, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा को सलाह दी कि वह दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपनी पीढ़ी का दोष अपने ऊपर लें।
कैबिनेट मंत्री आज एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित समाचार रिपोर्ट का जिक्र कर रहे थे, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उन्हें 2020 के तरनतारन अवैध शराब मामले में जांच जारी रखने की अनुमति नहीं दी गई, जिसमें 130 लोगों की जान चली गई थी, क्योंकि उनकी जांच में पिछली सरकार के 10 कांग्रेसी विधायकों, एक मंत्री और तत्कालीन मुख्यमंत्री के कुछ करीबी लोगों की संलिप्तता पाई गई थी।
अमन अरोड़ा ने कहा कि अपनी कमियों को छिपाते हुए दूसरों पर उंगली उठाने का यह अनूठा उदाहरण है। उन्होंने विपक्ष के नेता को चुनौती देते हुए कहा कि हमारी नीयत साफ है और हम किसी भी कमेटी से जांच कराने को तैयार हैं।
अमन अरोड़ा पंजाब विधानसभा में शून्यकाल के दौरान विपक्ष के नेता द्वारा उठाए गए मुद्दे का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने सतर्कता ब्यूरो में दर्ज एक शिकायत का हवाला दिया था।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध पंजाब सरकार के सख्त रुख को और मजबूत करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार किसी भी रूप में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध हो।
अरोड़ा ने राजनीतिक नेताओं को बिना किसी ठोस सबूत के निराधार आरोप लगाने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाई पूरे राजनीतिक वर्ग में जनता के विश्वास को कमजोर करती है। उन्होंने कहा कि ऐसे आरोप सिर्फ इसलिए नहीं लगाए जाने चाहिए क्योंकि वे विपक्षी पार्टी से संबंधित हैं। उन्होंने आगे कहा कि विश्वसनीय साक्ष्य के अभाव में ऐसे आरोप लगाने से लोगों का राजनीतिक व्यवस्था में विश्वास खत्म हो जाता है।
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कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने आश्वासन दिया कि विजिलेंस ब्यूरो को मिली शिकायत और ब्यूरो द्वारा इस संबंध में तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने राज्य सरकार के अधीन सतर्कता ब्यूरो की शक्तियों के संबंध में विपक्ष की आपत्तियों का खंडन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सतर्कता मामले के आधार पर कोई मुद्दा उठाना और बाद में सतर्कता ब्यूरो की ईमानदारी पर संदेह करना अस्वीकार्य है।
उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए एक विधायी समिति तथा पूर्व में हुई भ्रष्टाचार की घटनाओं की जांच के लिए इसी प्रकार की समितियों के गठन का समर्थन करते हैं।
कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने बिजली मंत्री हरभजन सिंह को ईटीओ नियुक्त किया है। इसमें ईमानदारी का एक अनुकरणीय उदाहरण भी उजागर किया गया। उन्होंने एक घटना का जिक्र किया जिसमें मंत्री ई.टी.ओ. एक शैलर मालिक को उसके लंबित कार्य को पूरा करने में सहायता की। इस कार्य के लिए मंत्री ई.टी.ओ. सराहना स्वरूप शैलर मालिक ने उन्हें मिठाई का एक डिब्बा और चावल का एक थैला भेंट किया।
यद्यपि मंत्री ई.टी.ओ. उन्होंने चावल लेने से इंकार करते हुए शैलर मालिक को सुझाव दिया कि इसे किसी जरूरतमंद को दे दिया जाए। जब मंत्री ई.टी.ओ. जब उन्हें पता चला कि इस काम को करवाने के लिए किसी ने इस शैलर मालिक से 7 लाख रुपए की रिश्वत ली है तो उन्होंने इसकी सूचना जिला एसएसपी को दी। उन्हें तुरंत पैसा वापस करने का निर्देश दिया गया। मंत्री ने चेतावनी दी थी कि अगर पैसा वापस नहीं किया गया तो आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।