Punjab news, पंजाब के एडवोकेट जनरल (एजी) कार्यालय ने राज्य के 232 कानून अधिकारियों से इस्तीफा मांगा है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि इन विधि अधिकारियों का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है। एजी कार्यालय ने कहा कि जब तक इन पदों पर नए अधिकारियों की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक यही अधिकारी अपना काम करते रहेंगे।
महाधिवक्ता कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि नए अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी ताकि कामकाज में कोई व्यवधान न हो। महाधिवक्ता गुरविंदर सिंह गैरी के कार्यालय ने इन 232 विधि अधिकारियों को अपने पदों पर बने रहते हुए बिना किसी रुकावट के अपना कर्तव्य जारी रखने को कहा है।
जानकारी के अनुसार अगले पंद्रह दिनों में एडवोकेट जनरल की नई टीम का भी गठन कर लिया जाएगा, जिसके लिए जल्द ही विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा।
अगर सरकार पंद्रह दिन तक नई नियुक्तियां नहीं करती है तो सरकार का काम भी प्रभावित हो सकता है। कई वकीलों ने बताया कि हाईकोर्ट के गलियारों में चर्चा है कि सरकार ने दिल्ली के वकीलों को हाईकोर्ट में एडजस्ट करने के लिए ऐसा किया है।
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इस बीच, राज्य सरकार ने आव्रजन मामलों और प्रशासनिक सुधार मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल से प्रशासनिक सुधार विभाग वापस ले लिया है। सरकार ने इस विभाग को बंद कर दिया है। सरकार का मानना है कि इस विभाग के पास कोई काम नहीं है, क्योंकि जब से कंप्यूटर प्रणाली शुरू हुई है, इस विभाग का काम खत्म हो गया है।
वास्तव में, प्रशासनिक सुधार और प्रशासनिक सुधार दो अलग-अलग विभाग हैं। प्रशासनिक सुधार विभाग अमन अरोड़ा के पास है। यहां बता दें कि कुलदीप सिंह धालीवाल से पहले सरकार ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग और पशुपालन विभाग भी वापस ले लिया था। कुलदीप धालीवाल के पास मान मंत्रालय में सबसे छोटा और सबसे कम महत्वपूर्ण विभाग है।