Punjab News: पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आज कहा कि सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों की क्षमताओं में सुधार लाने और उनमें आत्मविश्वास पैदा करने के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने युवाओं को जेईई और एनईईटी की परीक्षा देने की सुविधा प्रदान की है। एसएएस (NEET) सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए। नगर (मोहाली) में आवासीय ग्रीष्मकालीन कोचिंग कैंप-2025 शुरू किया गया है।
आपको बता दें कि पिछले शैक्षणिक वर्ष के दौरान सरकारी स्कूलों के 265 छात्र जेईई के लिए उपस्थित हुए थे। (मेन्स) और 44 छात्र जेईई में उपस्थित हुए। यह पहल (एडवांस्ड) परीक्षा उत्तीर्ण करने की उल्लेखनीय सफलता के बाद शुरू की गई है।
हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग अपने प्रतिष्ठित “स्कूल ऑफ एमिनेंस प्रोग्राम” के तहत रिहायशी ग्रीष्मकालीन कोचिंग कैंप-2025 का आयोजन कर रहा है ताकि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग प्रदान की जा सके।
उन्होंने बताया कि कठोर प्रक्रिया के माध्यम से चयनित कक्षा 12 के 600 विद्यार्थी आवासीय ग्रीष्मकालीन कोचिंग शिविर के 7वें संस्करण में भाग लेंगे। उन्होंने इस कार्यक्रम की निरन्तर सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस 23 दिवसीय शिविर में जे.ई.ई. इसमें आईआईटी की तैयारी कर रहे 500 छात्र और एनईईटी की तैयारी कर रहे 100 छात्र भाग ले रहे हैं।
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उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि, “हम सरकारी स्कूलों के छात्रों को निजी स्कूलों के छात्रों के समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रत्येक छात्र को अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिलना चाहिए, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो।” उन्होंने कहा कि यह शिविर केवल अकादमिक शिक्षा के लिए नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों की क्षमता को बढ़ाने, उनमें आत्मविश्वास पैदा करने और इन युवाओं के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए भी है।
हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि आवासीय ग्रीष्मकालीन कोचिंग शिविर विद्यार्थियों की सफलता के लिए एक व्यापक एवं रचनात्मक वातावरण प्रदान करेगा, जिसमें विशेषज्ञ शिक्षक उच्च स्तरीय कोचिंग के माध्यम से बहुमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करेंगे तथा विद्यार्थियों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार उच्च गुणवत्ता वाली शैक्षणिक सहायता प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम को अद्वितीय शिक्षण शैलियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जिसमें मौलिक अवधारणाओं, समस्या समाधान रणनीतियों और परीक्षा देने की तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, दैनिक प्रश्न-उत्तर सत्र से एक सहायक वातावरण निर्मित होगा, जबकि आरामदायक आवास, पौष्टिक भोजन और चौबीसों घंटे पर्यवेक्षण से यह सुनिश्चित होगा कि छात्र अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।