Punjab News: पंजाब में 29 प्रधानाध्यापकों को तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। समग्र शिक्षा अभियान, पंजाब के राज्य परियोजना निदेशक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, हालांकि इन सभी हेडमास्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिकाएं दायर की थीं, लेकिन देश की सर्वोच्च अदालत ने उनकी नियुक्तियों पर स्थगन आदेश जारी नहीं किया, जिसके कारण उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।
अक्टूबर 2013 में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन, पंजाब ने अनुबंध के आधार पर प्रधानाध्यापकों के 264 पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। ये नियुक्तियां तो कर दी गईं, लेकिन जो लोग उस समय नियुक्त नहीं हो पाए और जो बरकरार नहीं रखे गए, उन्होंने उन सभी नियुक्तियों को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए कहा कि कई उम्मीदवारों ने भर्ती के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि यानी 27-11-2013 के बाद अपने अनुभव प्रमाण पत्रों पर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) के हस्ताक्षर करवाए हैं।
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अदालत ने रिट याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया तथा शिक्षा अधिकारियों को पूर्व में चयनित 40 प्रधानाध्यापकों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। फिर सुनवाई जारी रही। समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय ने वर्ष 2020 में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के निर्णय के आधार पर 29 नवयोग्य प्रधानाध्यापकों को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया, लेकिन साथ ही यह शर्त भी लगा दी कि डबल बेंच में लंबित कोर्ट केस के नतीजे के अनुसार भविष्य का फैसला किया जाए। अब डबल बैंच में विचाराधीन मामले में पूर्व में कार्यरत मुख्याध्यापकों के अनुभव प्रमाण पत्र स्वीकार करने के पक्ष में आए फैसले के बाद शिक्षा अधिकारियों ने 29 अनुबंध आधारित मुख्याध्यापकों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं।