Punjab, पंजाब सरकार की ‘भ्रष्टाचार के विरुद्ध शून्य सहनशीलता’ की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सह वित्त आयुक्त राजस्व (एफसीआर) अनुराग वर्मा ने खरड़ के गांव सिउंक में शामलात भूमि को अवैध रूप से निजी व्यक्तियों के पक्ष में स्थानांतरित करने के लिए नायब तहसीलदार वरिंदरपाल सिंह धूत को बर्खास्त करने का आदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार, नायब तहसीलदार वरिंदरपाल सिंह धूत को 10,365 कनाल 19 मरला शामलात भूमि को अवैध रूप से हस्तांतरित करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि उक्त तहसीलदार ने सुप्रीम कोर्ट व सरकार के आदेशों का उल्लंघन कर निजी व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया। जांच अधिकारी ने सभी आरोपों को सही ठहराया, जिसके बाद पंजाब सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व अनुराग वर्मा ने 24 फरवरी 2025 को बर्खास्तगी के आदेश जारी किए।
नायब तहसीलदार के पद पर तैनाती के दौरान उन्होंने 28 सितम्बर, 2016 को मुतकाल नंबर 1767 को मंजूरी दी थी, जिसमें खरड़ तहसील के गांव सिउंक में 10,365 कनाल और 19 मरला शामलात भूमि का स्वामित्व निजी व्यक्तियों को हस्तांतरित किया गया था। जांच के दौरान पाया गया कि यह म्यूटेशन पंजाब सरकार के राजस्व विभाग द्वारा जारी स्पष्ट निर्देशों और जगपाल सिंह बनाम पंजाब केस (2011) में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्णय की अवहेलना करते हुए किया गया था, जिसमें निजी पार्टियों के नाम पर शामलात भूमि के हस्तांतरण या म्यूटेशन पर रोक लगाई गई थी।
सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बीआर बंसल द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट से पता चला है कि धूत ने न केवल अवैध रूप से म्यूटेशन को मंजूरी दी थी, बल्कि उचित सत्यापन के बिना खेवटदारों/कब्जाधारियों के हिस्से को बढ़ाकर या घटाकर धोखाधड़ी भी की थी। कुछ मामलों में, ऐसे व्यक्तियों को भी शेयरधारकों के रूप में शामिल किया गया, जिनका भूमि पर कोई वैध दावा नहीं था।