पंजाब, 10 जून से पंजाब में धान की सिलसिलेवार बुआई औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगी, जिसके लिए सरकार ने किसानों को आठ घंटे बिजली देने का वादा किया है। ऐसे में मई महीने के भीतर पंजाब में बिजली की मांग 14,500 मेगावाट तक पहुंच गई है और धान के सीजन के दौरान यह मांग 16,500 मेगावाट को भी पार कर सकती है।
ऐसे में पीएसपीसीएल को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, राज्य सरकार लगातार सीधी भागीदारी पर जोर दे रही है।
पंजाब में धान की बुआई 10 जून, 16 जून, 19 जून और 21 जून को शुरू होनी है। पिछले साल धान के सीजन में बिजली की मांग 15300 मेगावाट से ऊपर पहुंच गई थी। जिसके मुकाबले इस बार बिजली की मांग और अधिक बढ़ सकती है।
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ऐसे में किसानों को आठ घंटे निर्बाध बिजली देने के सरकार के वादे का असर घरेलू उपभोक्ताओं पर भी पड़ सकता है। बिजली कटौती के कारण लगातार हंगामा भी हो रहा है। लुधियाना बिजली विभाग के कर्मचारी गुरप्रीत सिंह महदूदा ने कहा कि कर्मचारियों की कमी इतनी है कि आठ घंटे की बजाय 16 घंटे हो गए हैं।
16 घंटे स्टाफ को करनी पड़ रही है ड्यूटी। उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मरों पर ओवरलोड है और बिजली विभाग को लोगों की मांग प्रशासन का दबाव झेलना पड़ रहा है।