पंजाब, राज्य सरकार द्वारा लिखित में आश्वासन नहीं दिये जाने के कारण आज भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी रही, जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में सारा दिन बंद रही ओपीडी। सभी सिविल अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र बंद रहे, जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हड़ताली डॉक्टरों ने मरीजों की सुविधा के लिए इमरजेंसी में अपने डॉक्टरों की संख्या बढ़ा दी है, ताकि लोगों पर कम से कम असर पड़े।
कल 3 कैबिनेट मंत्रियों की उपसमिति और स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. बलबीर सिंह के साथ बैठक के दौरान, पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की मांगों को स्वीकार करते हुए कहा कि अधिक भर्ती, सुरक्षा व्यवस्था और प्रतिबंधित पदोन्नति (एसीपी) की मांग बिना किसी चेतावनी के उचित थी एसीपी के मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा की गयी।
एसोसिएशन के प्रधान डॉ. अखिल सरीन ने कहा कि विभाग पर कोई वित्तीय बोझ नहीं है, आधे पद खाली हैं और हमारे डॉक्टर दोहरा काम कर रहे हैं और सरकार उनकी प्रगति को रोक रही है?
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कैबिनेट सब-कमेटी ने मांगों को जायज मानते हुए सैद्धांतिक तौर पर सर्वसम्मति से पीसीएमएस कैडर के निलंबित एसीपी को बहाल करने पर बिना शर्त सहमति दे दी। सभी चर्चाएँ सकारात्मक एवं अनुकूल वातावरण में हुईं।
पीसीएमएसए कहा कि हमारी मांगों के प्रति ईमानदार एवं संवेदनशील होने के लिए उप समिति के सदस्यों एवं डाॅ. बलबीर सिंह को धन्यवाद, लेकिन कल देर शाम सरकार की ओर से इस संबंध में जारी लिखित आश्वासन को 3 महीने तक लटकाना ठीक नहीं है। कल देर रात संगठन की सभी जिला इकाइयों की बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा हुई।