पंजाब सरकार ने महिलाओं, बच्चों और आम जनता के लिए सार्वजनिक परिवहन को सुरक्षित और अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में अत्याधुनिक कमांड एवं कंट्रोल सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके माध्यम से सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा सुनिश्चित की जायेगी। पंजाब सरकार ने इस परियोजना को लागू करने के लिए आईटी कंपनी सी-डैक के साथ एक समझौता किया है।
पिछले कुछ समय से देशभर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं। खासकर कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद पंजाब सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इस प्रोजेक्ट को तेजी से लागू करने की योजना बनाई है।
इस पहल के तहत पंजाब की सभी बसों और टैक्सियों में पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम लगाए जाएंगे। यह तकनीक आपात स्थिति में तत्काल मदद पहुंचाने में सक्षम होगी। यदि वाहन में सवार महिलाएं या अन्य यात्री खतरे में हैं तो वे पैनिक बटन दबाकर मदद के लिए संकेत दे सकती हैं। यह सिग्नल सीधे कमांड कंट्रोल सेंटर और नजदीकी पुलिस स्टेशन तक पहुंचेगा, जिससे संबंधित वाहन की लोकेशन ट्रैक की जा सकेगी और तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी।
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पंजाब परिवहन सचिव दिलराज सिंह ने इस कदम को राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। “हमारा उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित बनाने और यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है।” परियोजना की निरंतर निगरानी और इसकी प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए, पंजाब सरकार ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के आईटी विंग को जिम्मेदारी सौंपी है।
यह प्रोजेक्ट पिछले कुछ महीनों से रुका हुआ था लेकिन अब सरकार ने सी-डैक के अधिकारियों और प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर इसे प्राथमिकता दी है और इसे जल्द लागू करने का निर्देश दिया है। इस पहल से पंजाब में सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने वाले लोगों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की उम्मीद है।