Punjab Cabinet Meeting: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जो इस समय इलाज के लिए फोर्टिस अस्पताल में भर्ती हैं, ने आज अस्पताल के अपने कमरे में पंजाब कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कई अहम फैसले लिए गए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि भले ही उनका इलाज चल रहा हो, लेकिन पंजाब के लोगों की सेवा और मदद करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने मुख्य सचिव और डीजीपी को बाढ़ पीड़ितों की पूरी देखभाल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
कैबिनेट के प्रमुख फैसले:
आसवन और रेत बेचने की अनुमति: किसान बाढ़ के कारण अपने खेतों से मिट्टी और रेत निकालकर बाजार में बेच सकेंगे। इसके लिए 31 दिसंबर तक किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
मुआवजा योजना: किसानों को फसल नुकसान के लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ दिए जाएँगे। मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये मिलेंगे। ढहे हुए घरों और सरकारी भवनों का सर्वेक्षण करने के बाद मुआवजा दिया जाएगा।
6 महीने तक कोई किश्त नहीं: सहकारी समितियों और सरकारी बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों को 6 महीने तक कोई किश्त या ब्याज नहीं देना होगा।
Punjab News: पंजाब के बांधों में घटने लगा जलस्तर, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी भी बरकरार
पशुओं के लिए मुआवज़े की घोषणा: बाढ़ में भैंसों, गायों, बकरियों, मुर्गियों और मछलियों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। लोगों को भी उनके नुकसान की भरपाई की जाएगी।
स्वास्थ्य सेवाएँ: हर गाँव में चिकित्सा शिविर लगाए जाएँगे, फ़ॉगिंग मशीनें उपलब्ध कराई जाएँगी और डॉक्टर लोगों के घर-घर पहुँचकर इलाज करेंगे।
स्वच्छता अभियान: बाढ़ के बाद गाँवों और शहरों में व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बाढ़ प्रकृति का एक बड़ा प्रहार है, लेकिन पंजाब सरकार हर मुसीबत की घड़ी में लोगों के साथ खड़ी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे का स्वागत किया और केंद्र सरकार से 60,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि जारी करने की भी माँग की।