पंजाब, विश्व स्ट्रोक दिवस के अवसर पर पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. बलबीर सिंह ने पंजाब सरकार, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) लुधियाना और इंडिया मेडट्रॉनिक प्राइवेट लिमिटेड के बीच साझेदारी की घोषणा करते हुए कहा कि देश भर में अपनी तरह की इस अनूठी पहल का उद्देश्य राज्य में स्ट्रोक के बढ़ते मामलों के लिए सर्वोत्तम उपचार सेवाएं प्रदान करके सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत स्ट्रोक के रोगियों से निपटना है।
डॉ. बलबीर सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि यह साझेदारी राज्य में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पंजाब के लोगों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार, सीएमसी लुधियाना और मेडट्रॉनिक के बीच यह साझेदारी स्वास्थ्य सेवा नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। गंभीर देखभाल तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने पर केंद्रित इस पहल का उद्देश्य स्ट्रोक से संबंधित मौतों और विकलांगताओं की घटनाओं को कम करके देश में स्ट्रोक प्रबंधन के लिए एक नया मानक स्थापित करना है।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि इस साझेदारी ने स्ट्रोक देखभाल के लिए एक हब और स्पोक मॉडल पेश किया है, जिसका उद्देश्य शीघ्र और समन्वित तरीके से सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करके गुणवत्तापूर्ण रोगी देखभाल सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि सी.एम.सी लुधियाना एक अग्रणी चिकित्सा संस्थान और विश्व स्ट्रोक संगठन और एनएबीएच है। भारत के पहले एडवांस्ड स्ट्रोक सेंटर द्वारा प्रमाणित, जो उन्नत स्ट्रोक उपचार के लिए केंद्रीय स्ट्रोक “हब” के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य भर में सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों का एक नेटवर्क “स्पोक” केंद्र के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों को स्ट्रोक के रोगियों को मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी सहित उन्नत उपचार सुविधाओं के लिए हब में रेफर करने से पहले तत्काल देखभाल और अन्य बुनियादी सेवाएं प्रदान करने का आदेश दिया गया है।
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इस अवसर पर बोलते हुए डाॅ. बलबीर सिंह ने राज्य में स्ट्रोक के बढ़ते मामलों से निपटने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब में स्ट्रोक एक चिंता का विषय बन गया है और हमें इससे निपटने के लिए एक नवीन दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी राज्य में स्ट्रोक देखभाल में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आगे कहा कि इस पहल से कई परिवारों को स्ट्रोक के इलाज पर होने वाले खर्च से राहत मिलेगी क्योंकि इस पहल के तहत स्ट्रोक के रोगियों को लगभग 6 लाख रुपये की उपचार और देखभाल सेवाएं मुफ्त प्रदान की जाएंगी।
सीएमसी लुधियाना के प्रिंसिपल और न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर और विश्व स्ट्रोक संगठन के अध्यक्ष डॉ. जयराज डी. पांडियन ने कहा, DWN (डॉन) और DEFUSE (डिफ्यूज़) -3 सहित उन्नत नैदानिक तकनीकों ने इस्केमिक स्ट्रोक के लक्षणों की शुरुआत के बाद मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी के उपचार की अवधि को 24 घंटे तक बढ़ा दिया है। डॉ। पांडियन ने कहा, यह अवधि हमें स्ट्रोक के रोगियों का अधिक प्रभावी ढंग से इलाज करने में मदद करेगी जिससे विकलांगता की घटनाओं में कमी आएगी और रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
मेडट्रॉनिक इंडिया के प्रबंध निदेशक और उपाध्यक्ष मंदीप सिंह कुमार ने इस पहल की सराहना की और कहा कि यह साझेदारी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों से निपटने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के महत्व को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि सीएमसी लुधियाना की विशेषज्ञता और सरकार के स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे के साथ उन्नत चिकित्सा प्रौद्योगिकी के संयोजन से विकसित यह मॉडल पूरे पंजाब में स्ट्रोक के इलाज और देखभाल सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार लाएगा।
इस अवसर पर प्रशासनिक सचिव कुमार राहुल, निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. हितिंदर कौर, डायरेक्टर मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान डॉ. अवनीश कुमार, निदेशक सीएमसी लुधियाना डाॅ. विलियम भट्टी और डॉ. धीरज खुराना और अन्य प्रमुख हस्तियाँ उपस्थित थीं।