पंजाब, जिला मोगा के किसानों के लिए डी.ए.पी. खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने आज सभी एडीसी, एसडीएम और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ जिले में खाद विक्रेताओं, डीलरों और सहकारी समितियों की जांच की। इस चेकिंग का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि किसी भी उर्वरक विक्रेता के पास डीएपी है या नहीं। खाद का भंडारण न करें और किसानों को खाद के लिए कोई परेशानी न हो।
उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि वे स्वयं भी अप्रत्याशित भ्रमण कर उर्वरक विक्रेताओं के स्टॉक की जांच करते रहेंगे तथा सभी एसडीएम भी अपने-अपने उपमंडलों में उर्वरक विक्रेताओं के स्टॉक की जांच करते रहेंगे। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश देते हुए कहा कि यदि कोई उर्वरक विक्रेता उर्वरक की जमाखोरी या कालाबाजारी करता है तो उसके खिलाफ तुरंत उचित कार्रवाई की जाये। बैठकों/सेमिनारों/शिविरों/सोशल मीडिया आदि के माध्यम से किसानों को डी.ए.पी. उन्हें विकल्पों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए ताकि वे वैकल्पिक संसाधनों का भी उपयोग कर सकें।
डिप्टी कमिश्नर श्री विशेष सारंगल ने किसानों से अपील की है कि वे खाद, कीटनाशक रसायन या बीज खरीदते समय दुकानदार से बिल अवश्य लें और यदि कोई डीलर बिल देने से मना करता है तो संबंधित ब्लॉक कृषि अधिकारी या संबंधित को लिखित में शिकायत करें। मुख्य कृषि अधिकारी अधिकारी से करें उन्होंने कहा कि चेकिंग के दौरान यदि कोई दुकानदार बिना बिल के खाद, दवा या बीज बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
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उन्होंने बीज विक्रेताओं को यह भी निर्देश दिया है कि बीज बेचते समय किसानों को उर्वरक, कीटनाशक रसायन या कोई अन्य अनावश्यक वस्तु न दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि उर्वरक, कीटनाशक रसायन या बीज की कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों या किसी अन्य पक्ष को बख्शा नहीं जाएगा। दोषी पक्षों को अनुकरणीय सजा और जुर्माना दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गैर-जरूरी रसायनों को उर्वरकों के साथ टैग करके जबरन बेचना या अधिक कीमत पर उर्वरक बेचना या उर्वरकों की कालाबाजारी करना कानूनी अपराध है और ऐसे गलत कार्यों में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। 1955 के प्रावधानों के तहत कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों के लिए डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) या अन्य उर्वरकों के साथ गैर-जरूरी रसायनों की अवैध टैगिंग में शामिल किसी भी कीटनाशक डीलर के खिलाफ रिपोर्ट करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है इन नंबरों पर किसान डी.ए.पी. कोई व्यक्ति अधिक कीमत वसूलने, अवैध जमाखोरी या उर्वरक की कालाबाजारी जैसे मुद्दों की भी रिपोर्ट कर सकता है। उन्होंने कहा कि किसान भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल कीटनाशक विक्रेताओं के खिलाफ हेल्पलाइन नंबर 1100 पर कॉल करके या संपर्क नंबर 9855501076 पर व्हाट्सएप संदेश भेजकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।