बरनाला जिले के एक पीआरटीसी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान लू लगने से मौत हो गई। मृतक बरनाला में पीआरटीसी डिपो में राजमिस्त्री का काम करता था। पटियाला में एक क्षतिग्रस्त पीआरटीसी बस की मरम्मत करके लौटते समय उनकी तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी मृत्यु हो गई। पीआरटीसी कर्मचारियों ने मृतक के परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
कहा गया है कि मांग पूरी होने तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। पीआरटीसी प्रबंधन के साथ बैठक के बाद कोई मांग न माने जाने पर विरोध हो रहा है और विरोध स्वरूप बरनाला डिपो की बसें बंद कर दी गईं। गुरुवार दोपहर 12 बजे तक मांगें पूरी न होने पर मृतक का शव बरनाला के बस स्टैंड के सामने रखकर धरना देने की चेतावनी दी है। यूनियन नेताओं ने कहा कि कल पंजाब भर के 27 डिपो से बसें बंद कर दी जाएंगी।
इस मौके पर पीआरटीसी कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने कहा कि कल पीआरटीसी बरनाला डिपो की एक बस पटियाला में खराब हो गई। जिसे ठीक करने के लिए हमारे बरनाला डिपो के कर्मचारी मिस्त्री साथी गए थे।
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कल अत्यधिक गर्मी के कारण ड्यूटी के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गयी। जिसके बाद बरनाला पहुंचने पर उन्हें तुरंत बरनाला सरकारी अस्पताल ले जाया गया। जहां कुछ देर बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि 40-42 घंटे बीत जाने के बावजूद सरकार ने पीड़ित परिवार की कोई सुध नहीं ली है।
इस संबंध में आज पीआरटीसी प्रबंधन के साथ बैठक भी हुई है। जहां हमारी यूनियन ने मृतक के परिवार को मुआवजा देने और सरकारी नौकरी देने की मांग की है, जिसके चलते पीआरटीसी कर्मचारियों ने इस संबंध में संघर्ष का ऐलान किया है।