Thursday, November 21, 2024
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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 16 से 22 जनवरी तक होंगे कार्यक्रम,देखिये पूरा शेड्यूल हुआ जारी

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 16 से 22 जनवरी तक होने वाले कार्यक्रमों का पूरा शेड्यूल जारी हो गया है। जानकरी एक अनुसार रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के पहले विधिवत पूजा अर्चना करने की तैयारी हो रही है। उनके विग्रह की जीवन कारक द्रव्यों के अलावा शैय्या अधिवास की विशेष योजना है। इस प्रक्रिया में रामलला को शीशम के नवनिर्मित पलंग पर शयन कराया जाएगा।ट्रस्ट ने इस पलंग को अयोध्या में ही निर्मित कराया है। इसके अलावा भगवान के लिए गद्दा, रजाई, चादर व तकिया भी खरीदे गए हैं। वस्त्र भी तैयार हैं। इसी अधिवास के दौरान कुश से भगवान के हृदय को स्पर्श कर न्यास वाचन कर संबंधित पूजन प्रक्रिया संपन्न होगी। सुबह उन्हें विधिवत जागरण कराने के बाद सिंहासन पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। शैय्या अधिवास 21 जनवरी को रात्रि में होगा।

आपको बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा होगी। वाराणसी से आए वैदिक आचार्यों के अनुसार सिंहासन (आसन) पर पहले कूर्म शिला व स्वर्ण से निर्मित कच्छप़़, ब्रहा शिला का भी अधिवास होता है। तीन पिंडिका भी रखी जाएंगी। आचार्यों के अनुसार इसके अलावा भगवान के आसन के ठीक नीचे श्रीराम यंत्र की प्रतिष्ठा की जाएगी।रामलला के आसन का भी पूजन किया जाएगा। आसन के नीचे कुल 45 द्रव्य रखे जाएंगे। इसमें नौ रत्नों में हीरा, पन्ना, मोती माणिक्य, पुखराज व लहसुनिया, गोमेद के अलावा पारा, सप्त धान्य व विविधि औषधियां हैं। इसके बाद नवीन विग्रह को आसन पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। गोघृत व शहद मिश्रण से युक्त स्वर्ण शलाका से भगवान के नेत्र उन्मीलित किए जाएंगे। भगवान को दर्पण दिखाया जाएगा।

पहले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ का अयोध्या आगमन 14 अथवा 15 जनवरी को प्रस्तावित था, लेकिन सोमवार को वह अचानक रामनगरी पहुंच गए। दूसरी ओर विहिप ने सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा पूजन का क्रम भी स्पष्ट कर दिया है, जिस स्थल पर प्रतिमा का निर्माण हुआ है, वहीं से कर्मकुटी अनुष्ठान से पूजन आरंभ होगा। प्रतिमा का निर्माण करने वाले शिल्पी प्रायश्चित पूजन करेंगे।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का शुभ मुहूर्त निकाला गया है। ये समय 22 जनवरी 2024 को 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा।

राम मंदिर में 15 से 22 जनवरी 2024 तक का शेड्यूल
15 जनवरी 2024: 15 जनवरी को मकर संक्रांति है। साथ ही खरमास भी समाप्त हो जाएगा। इस खास दिन पर रामलला के विग्रह यानी श्री राम के बालरूप की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।
16 जनवरी 2024: इस शुभ दिन पर रामलला के विग्रह के अधिवास का अनुष्ठान शुरू होगा।
17 जनवरी 2024: इस खास दिन पर रामलला की प्रतिमा को नगर भ्रमण के लिए निकाला जाएगा।
18 जनवरी 2024: इस दिन से प्राण-प्रतिष्ठा की विधि आरंभ होगी। साथ ही मंडप प्रवेश पूजन, वास्तु पूजन, गणेश पूजन,  वरुण पूजन, विघ्नहर्ता और मार्तिका पूजन होगा।
19 जनवरी 2024: इस शुभ दिन पर राम मंदिर में यज्ञ अग्नि कुंड की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा अरणी मंथन से यज्ञ की अग्नि प्रज्वलित की जाएगी। फिर नवग्रह होम होगा।
20 जनवरी 2024:  इस दिन राम मंदिर के गर्भगृह को 81 कलशों के जल से ‘जिन्हें अलग-अलग नदियों के जल से इकट्ठा किया गया है’ उनसे पवित्र किया जाएगा।
21 जनवरी 2024:  इस तिथि को यज्ञ विधि में विशेष पूजन और हवन के बीच राम लला का 125 कलशों से दिव्य स्नान होगा। ये बहुत ही खास होगा।
22 जनवरी 2024: इस दिन मध्यकाल में मृगशिरा नक्षत्र में रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित होगी। साथ ही इस दिन पूरे विधि-विधान से महापूजा होगी।

जानकारी के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान को सम्पन्न करने हेतु आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़, प्रमुख आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित, अरुण दीक्षित, सुनील दीक्षित, दत्तात्रेय नारायण रटाटे, गजानन जोतकर, अनुपम दीक्षित आदि विराजेंगे । इसमें 11 यजमान भी होंगे।

सोमवार को विश्व हिंदू परिषद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भगवान राम की प्रतिमा सिर्फ परिसर भ्रमण ही करेगी। वहीं प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ सोमवार को अचानक रामनगरी पहुंचे गए। उन्होंने राम मंदिर परिसर व पूजन स्थल का भ्रमण किया और रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय से भेंट की। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के लिए आए आचार्यों से भेंट की और उनके निवास स्थल को भी देखा।

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