Saturday, May 18, 2024
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रोहतक में फरलो से नहीं लौटा कैदी, दंपति की हत्या मामले में काट रहा था सजा

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इंदिरा कॉलोनी में रहने वाला कैदी राजेश सूर्या कॉलोनी में एक दंपति की हत्या में जेल की सजा काट रहा था। सीजेएम आशीष कुमार शर्मा की कोर्ट ने राजेश को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था।

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रोहतक। रोहतक में फर्लो पर गया सजायाफ्ता कैदी वापिस जेल नहीं लौटा। कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है जिसके बाद सिटी पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। सोनीपत के कुराड़ गांव निवासी फिलहाल इंदिरा कॉलोनी में रहने वाला कैदी राजेश सूर्या कॉलोनी में एक दंपति की हत्या में जेल की सजा काट रहा था। सीजेएम आशीष कुमार शर्मा की कोर्ट ने राजेश को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था। इसके बाद सिटी पुलिस स्टेशन में इस संबंध में आईपीसी की धारा-174 ए के तहत केस दर्ज कर लिया है।

मामले के अनुसार सूर्या कॉलोनी निवासी कृष्ण और उसकी पत्नी चंद्रो की रंजिश के चलते 14 फरवरी 2010 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के पुत्र मोनू की शिकायत पर सिटी पुलिस स्टेशन में सोनीपत जिले के कुराड गांव निवासी राजेश, श्याम कॉलोनी रोहतक निवासी अमित और शास्त्री नगर रोहतक निवासी विक्की के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ था।

पुलिस में दर्ज शिकायत में मोनू ने बताया था कि वह प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है।बड़ा भाई सोनू और छोटा भाई पवन है। 14 फरवरी को वह पिता कृष्ण, मां चंद्रो और भाभी रीना के साथ घर के अंदर खाना खा रहे थे तभी घर के बाहर से कृष्ण का नाम लेकर दरवाजा खोलने के लिए आवाज लगाई गई। कृष्ण ने घर का दरवाजा खोला तो राजेश, अमित और विक्की जबरन अंदर आ गए। तीनों के हाथ में पिस्तौल थी। बदमाशों ने कृष्ण पर गोली चला दी। पति को गोली लगते देख कर चंद्रो बचाव में आ गई। तीनों बदमाशों ने चंद्रो को भी गोली मार दी।

मोनू ने अपने माता-पिता को बचाना चाहा तो उस पर भी फायरिंग कर दी, हालांकि वह बच गया और जान बचाने के लिए खेतों की ओर भाग गया। मोनू की भाभी रीना और भाई पवन जान बचाने के लिए एक कमरे में छिप गए। बाद में तीनों हमलावर फरार हो गए। मोनू ने घर लौट कर देखा तो माता चंद्रो की मौत हो चुकी थी, जबकि पिता कृष्ण की हालत गंभीर थी। मोनू जब पिता को पीजीआई रोहतक ले गया तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वारदात की सूचना मिलने पर सिटी पुलिस स्टेशन की टीम मौके पर पहुंची और फिर मोनू के बयान दर्ज किए।

मोनू ने बताया कि वारदात से करीब 2 साल पहले राजेश ने किसी बात को लेकर पिता कृष्ण को थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद मोनू ने अपने भाई सोनू के साथ मिलकर राजेश को पीटा था, जबकि वारदात से 3 माह पहले आरोपी विक्की और अमित के साथ भी झगड़ा हुआ था। इसी बात की रंजिश रखते हुए तीनों ने उसके माता-पिता की हत्या की थी। इस संबंध में आईपीसी की धारा-307, 349, 302, 34 और आर्म्स एक्ट की धारा के तहत केस दर्ज हुआ था।

इस हत्याकांड में दोषी राजेश और उसके साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। राजेश को 13 अप्रैल 2018 को उसे परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए रोहतक से 3 सप्ताह की फरलो पर रिहा किया गया था। उसे 5 मई को वापस रोहतक जेल में सरेंडर करना था, लेकिन उसने सरेंडर नहीं किया। इसके बाद राजेश के खिलाफ हरियाणा गुड कंडक्ट प्रीजनर्स (टेंपरेरी रिलीज) एक्ट की धारा 8, 9 के तहत केस दर्ज किया गया था। बाद में कोर्ट ने उसे भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था। अब इस भगौड़े अपराधी के खिलाफ सिटी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर लिया गया है।

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