Saturday, May 18, 2024
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PGI रोहतक में बिना चीर फाड़ के होंगे पोस्टमार्टम, देश में आधुनिकता में तीसरे स्थान पर आया संस्थान

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पीजीआई रोहतक में बने नए पोस्टमार्टम हाउस में अब वर्चुअल ऑटोप्सी से किया जायेगा पोस्टमार्टम, शव में छोटा सा चीरा लगाकर सुरक्षित किया जाएगा बिसरा, एक्स-रे और सीटी स्कैन बताएगी कहां छिपी है गोली

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रोहतक। PGI रोहतक में आए दिन नए नए कीर्तिमान स्थापित होते रहते है जिस से मेडिकल टेक्नोलॉजी का विस्तार बढ़ता जा रहा है। इसी वजह से पीजीआई रोहतक आधुनिकता में तीसरे स्थान में आया है। रोहतक के पीजीआई में अब वर्चुअल ऑटोप्सी के माध्यम से पोस्टमार्टम ‌ किया जाएगा। यहां मोर्चरी में बिना चीरा लगाए शवों का पोस्टमार्टम किया जा सकेगा। इस तकनीक से शवों का पोस्टमार्टम देश में सिर्फ गोवा में किया जा रहा है। ऐसा करने वाला‌ पीजीआईएमएस उत्तर भारत में पहला और देश में तीसरा संस्थान बन गया है।

पोस्टमार्टम हाउस पर 32 करोड रुपए खर्च

आधुनिक तरीके से पोस्टमार्टम की बनाई गई सटीक रिपोर्ट पुलिस के लिए भी मददगार होगी। वर्चुअल ऑटोप्सी विधि से पोस्टमार्टम करने के तरीके को जानने के लिए 18 मार्च को इंग्लैंड से विशेषज्ञों को बुलाया गया है। ये डॉक्टरों के साथ ही पुलिस अफसरों को भी फोरेंसिक की जानकारी साझा करेंगे। आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस पर पीजीआई के ओर से 32 करोड रुपए खर्च किए गए हैं। इस नई तकनीक में शव को चीरा लगाने की जरूरत नहीं होगी। परिजनों को एकदम सुरक्षित शव अंतिम संस्कार के लिए मिलेगा। वहीं आधुनिक तकनीक के कारण शव की अंदर से लेकर बाहर तक की सभी स्थितियों का पता लगाया जा सकेगा।

वर्चुअल ऑटोप्सी से आसान होगा पोस्टमार्टम

पोस्टमार्टम के बाद शव की हालात काफी इतनी खराब हो जाती थी की सामान्य व्यक्ति इसे देख पाने में भी सक्षम नहीं होता था। अब नई तकनीक से शव का आसानी से पोस्टमार्टम किया जा सकेगा। वर्चुअल ऑटोप्सी तकनीक से शव में घावों की संख्या, गहराई, लंबाई-चौड़ाई का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। मृतक को कितनी गोलियां लगीं और कहां-कहां लगीं, इसका पता लगाने के साथ उन्हें निकालना भी आसान होगा। इस प्रकार से पोस्टमार्टम करने में पहले शव का एक्सरे, सिटी स्कैन, ऑटोप्सी करेंगे।

जिससे बॉडी में हर चीज दिखाई देगी। फिर उसी जगह पर छोटा सा चीरा लगाकर बिसरा निकाल लिया जाएगा। हड्डी के बीच में गोली होने पर भी वह देखी जा सकेगी। जिससे आसानी से निकाला जा सकेगा। इससे कम समय में काम होगा। जहर से मौत के मामले में उसी हिस्से को निकाला जाएगा जहां इसके प्रमाण मिलेंगे, इससे पूरे शव का चीर फाड़ नहीं किया जाएगा और समय भी बचेगा। इस तरह से शव की पूरी स्थिति की जानकारी केस की जांच कर रही पुलिस को भी मिलेगी।

मेनुअल पोस्टमार्टम में होती थी मुश्किलें

इसमें पहले शव को चीरना पड़ता है। फिर बॉडी से बिसरा निकाला जाता है। खासतौर पर शव की हड्डी में फंसी गोली या अन्य किसी चीज को केवल शक के आधार पर ढूंढना पड़ता है। हड्डी की भीतर गोली को निकालने के लिए पूरी हड्डी भी तोड़नी पड़ती है। इसमें समय भी असीमित लग जाता है। जबकि पुलिस केस में गोली निकालना बेहद जरूरी होता है।

इंग्लैंड से आएंगे तीन विशेषज्ञ

18 मार्च को पीजीआई में वर्चुअल ऑटोप्सी विधि से पोस्टमार्टम की जानकारी देने के लिए इंग्लैंड से तीन विशेषज्ञ डॉक्टर आएंगे। इसके सा​थ ही डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत अन्य पुलिस अफसरों को भी बुलाया गया है। इसमें पोस्टमार्टम के नए तरीकों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। जो पीजीआईएमएस के चिकित्सकों और पुलिस अफसरों को उपयोगी जानकारी देंगे। आधुनिक तकनीक से पोस्टमार्टम करने में पीजीआईएमएस देश का तीसरा संस्थान बनेगा। इससे पहले एम्स और असम में ही बिना चीरा लगाए पोस्टमार्टम किए जा रहे हैं।

बदबूरहित होगा आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस

पीजीआईएमएस एचओडी डॉ. एसके धत्तरवाल के अनुसार नया आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस लगभग बनकर तैयार हो गया है। कुछ समय बाद इसी में पोस्टमार्टम होंगे। जिसमें शव में चीरा लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पोस्टमार्टम हाउस में पांच टेबल होंगी और यहां पुलिस, डॉक्टर, स्टाफ व आमजन के लिए वेटिंग हॉल भी बनाया गया है । सबसे बड़ी बात यह है कि पूरा क्षेत्र बदबूरहित होगा। यहां अब नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत 80 शव रखने की क्षमता होगी, इसके अलावा शव रखने के लिए चार-चार चैंबर भी होंगे। इसमें विषय पर नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही है।

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