लखनऊ : महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने वाले बयान ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी हलचल मचा दी है।
बुधवार को विधान परिषद में बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अबू आजमी के बयान पर सपा को आड़े हाथों लेते हुए जमकर फटकार लगाई। योगी ने सपा से अपने विधायक को तत्काल पार्टी से निलंबित करने और उसे उत्तर प्रदेश भेजने की मांग की, साथ ही चेतावनी दी कि यूपी ऐसे लोगों का इलाज करने में देरी नहीं करता। बता दें कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब को ‘महान प्रशासक’ बताते हुए उसकी प्रशंसा की थी। इस बयान के बाद यूपी विधान परिषद् में मुख्यमंत्री ने सपा को आड़े हाथ लिया है।
सपा औरंगजेब जैसे क्रूर शासक को अपना आदर्श मान रही
मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि सपा भारत की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व नहीं करती और अपने मूल विचारक डॉ. राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों से भटक गई है। उन्होंने कहा कि डॉ. लोहिया ने भारत की एकता के तीन आधार बताए थे- श्रीराम, श्रीकृष्ण और भगवान शिव, लेकिन आज सपा औरंगजेब जैसे क्रूर शासक को अपना आदर्श मान रही है। योगी ने औरंगजेब के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि उसने अपने पिता शाहजहां को आगरा किले में कैद कर पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसाया था। उन्होंने सपा नेताओं को पटना की लाइब्रेरी में शाहजहां की जीवनी पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि शाहजहां ने औरंगजेब को कहा था कि तुम से अच्छा तो हिन्दू है जो जीते जी तो अपने बुजुर्ग मां-बाप की सेवा करता है और मृत्युपरांत वर्ष में एक बार श्राद्ध करते हुए मां-बाप को जल अर्पित करता है। सीएम ने कहा कि जिन लोगों का आचरण औरंगजेब जैसा है वो उसपर गर्व कर सकते हैं।
सपा औरंगजेब जैसे ‘दुर्दांत और धर्मांध’ शासक का महिमामंडन करती है
योगी ने सपा पर भारत की आस्था पर प्रहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि औरंगजेब ने जजिया कर लगाया, मंदिर तोड़े और भारत का इस्लामीकरण करने की कोशिश की। कोई सभ्य मुसलमान अपने बेटे का नाम औरंगजेब नहीं रखता, क्योंकि उसे पता है कि वह उसे एक एक बूंद पानी के लिए तरसा देगा। उन्होंने सपा से सवाल किया कि वह महाकुम्भ जैसे आयोजन की आलोचना करती है और दूसरी ओर औरंगजेब जैसे ‘दुर्दांत और धर्मांध’ शासक का महिमामंडन करती है। मुख्यमंत्री ने सपा को चुनौती दी कि वह अपने विधायक (अबू आजमी) को पार्टी से निकाले और उसे यूपी भेजे, यहां उसका ‘उपचार’ किया जाएगा। उन्होंने सदन में पूछा कि जो छत्रपति शिवाजी की परंपरा पर लज्जा महसूस करता हो और औरंगजेब को नायक मानता हो, क्या उसे भारत में रहने का अधिकार है?