प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM Kusum Yojana) के अंतर्गत जोधपुर डिस्कॉम ने कीर्तिमान रचते हुए अभूतपूर्व उपलब्धि दर्ज की है।
जोधपुर डिस्कॉम क्षेत्र में कुसुम—ए और कुसुम-सी दोनों घटकों को मिलाकर कुल सौर क्षमता 2017.33 मेगावाट को पार कर गई है। यह न केवल राजस्थान, बल्कि देश की ग्रामीण ऊर्जा संरचना में भी जोधपुर डिस्कॉम की दृढ़ नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।
डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक डॉ. भंवरलाल ने बताया कि कुसुम-ए में अब तक 240 संयंत्र स्थापित हो चुके हैं जिनकी संयुक्त क्षमता 336.25 मेगावाट है। यह मॉडल ग्रामीण क्षेत्रों में विकेन्द्रीकृत उत्पादन को सशक्त कर रहा है और किसानों को भूमि लीज या ऊर्जा विक्रय के माध्यम से अतिरिक्त आय उपलब्ध करवा रहा है। यह अब खेती की अनिश्चितताओं के बीच एक किसानों की आय का स्थिर सहारा बन चुका है।
इस घटक के अंतर्गत 639 सौर संयंत्र, कुल 1681.08 मेगावाट, तथा 84,088 सोलर पंप किसानों को उपलब्ध कराए गए हैं। इससे कृषि में डीजल पर निर्भरता लगभग समाप्ति की ओर है। सिंचाई लागत में भारी कमी आई है। साथ ही कृषि-उत्पादन की योजना पहले से अधिक सहज हो गई है।
डॉ. भंवरलाल ने कहा हमारा उद्देश्य सिर्फ क्षमता बढ़ाना नहीं, बल्कि किसानों को स्वच्छ, विश्वसनीय और किफायती ऊर्जा प्रदान करना है। 2000 मेगावाट का पड़ाव पार करना योजनाबद्ध कार्यशैली, नवाचार और टीम की प्रतिबद्धता का परिणाम है।

