गरिमा टाइम्स न्यूज.रोहतक। प्रदूषण के बढ़ते खतरे व ग्रैप-4 लागू होने के बाद भी लोग सचेत नहीं हुए है। यही वजह है कि लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। शहर के अंदर 100 से ज्यादा कोचिंग सेंटरों पर 12वीं तक के बच्चों की क्लास लग रही है। जबकि सरकार के आदेश के बाद शहर में 12वीं तक के स्कूल बंद किए हुए हैं।
कोचिंग सेंटर संचालक बच्चों को बुलाकर क्लास ले रहे हैं। जबकि सभी स्कूलों में बच्चों की क्लास ऑनलाइन ली जा रही है।
बता दें कि आंकड़ों के हिसाब से रोहतक देश के प्रदूषित शहरों की सूची में चौथे स्थान पर रहा है। जिले में जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है, कहीं निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी हैं। धुंआ छोड़ते वाहन भी बेरोकटोक सड़कों पर दौड़ रहे हैं। अगर इसी तरसे से कोचिंग सेंटर चलते रहे तो बच्चे बीमारी की चपेट मे आ सकते हैं। पीजीआईएमएस या सिविल अस्पताल में रोजाना सास के मरीज पहुंच रहे हैं। इस तरह के मरीजों में बच्चों की सख्या भी बढ़ती जा रही है। अगर यह कोचिंग सेंटर इसी तरह चलते रहे तो और भी बच्चे बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। बीमारी को रोकने के लिए इन कोचिंग सेंट्रो को बंद करवाना होगा। क्योंकि हजारों बच्चे रोजाना इन सेंट्रो पर अपनी क्लास लेने के लिए आते हैं।