Wednesday, February 5, 2025
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PGIMS रोहतक : महिलाओं के कैंसर की जांच के लिए हर गुरुवार को ओपीडी में विशेष क्लीनिक

रोहतक : पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (PGIMS) के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की चिकित्सकों द्वारा विभागाध्यक्ष डाॅ. पुष्पा दहिया के दिशा-निर्देशन में विश्व कैंसर दिवस के उपलक्ष्य में चौधरी रणबीर सिंह ओपीडी के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में आई महिलाओं व उनके परिजनों को ब्रेस्ट कैंसर व बच्चेदानी के कैंसर के बारे में पोस्टरों व व्याख्यान के माध्यम से जागरूक किया।

जागरूकता अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दते हुए डॉ. पुष्पा दहिया ने बताया कि उनके विभाग का प्रयास रहता है कि हर वर्ष ओपीडी में आने वाले मरीजों को महिलाओं में होने वाले कैंसर के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होंने मरीजों को बताया कि महिलाओं में अधिकतर बच्चेदानी का, सर्वाइकल व ब्रेस्ट कैंसर होता है।

कैंसर के कारण लाखों महिलाओं की मौत होती है

डाॅ. पुष्पा दहिया ने बताया कि कैंसर एक जनलेवा बीमारी है जिससे पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। जब शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित और विकसित होने लगती हैं तो कैंसर की समस्या पैदा होती है। महिलाओं के प्रजनन अंगों में होने वाले कैंसर को गायनेकोलॉजिकल कैंसर कहते हैं। शोध के मुताबिक, दुनियाभर में कैंसर के कारण लाखों महिलाओं की मौत होती है, लेकिन अधिकतर मामलों में उनकी मौत का मुख्य कारण गायनेकोलॉजिकल कैंसर होता है।

25 साल के बाद हर महिला को तीन साल में पैप समीयर करवाना चाहिए

डाॅ. पुष्पा दहिया ने बताया कि यदि सफेद पानी आता हो, महावारी बंद होने के बाद भी खून आए या ज्यादा महावारी आए तो यह बच्चेदान या बच्चेदानी के मुहाने का कैंसर हो सकता है। उन्होंने बताया कि बच्चेदानी के मुंह के कैंसर का जल्दी से जल्दी पता लगाने वाले टैस्ट पैप्समीयर आरएलबीसी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 25 साल के बाद हर महिला को तीन साल में पैप समीयर करवाना चाहिए। डॉ. पुष्पा दहिया ने बताया कि आजकल 9 से 14 वर्ष की उम्र के लड़कियों को एचपीवी वैक्सिन की दो डोज लगवाने से उनमें बच्चेदानी के मुंह के कैंसर का बचाव किया जा सकता है।

डॉ. मिनाक्षी चैहान ने मरीजों को बताया कि किस प्रकार से कैंसर की पहचान की जाए और उसकी कहां व कैसे जांच करवाएं। उन्होंने बताया कि हर महिला को कैंसर के लक्षणों का पता होना चाहिए ताकि समय पर इलाज लेकर बिमारी को जड़ से खत्म किया जा सके। डाॅ. मिनाक्षी चैहान ने बताया कि यदि छाती में कोई गांठ हो, सूजन आ गई हो, त्वचा में कोई बदलाव आया हो तो यह ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। डाॅ. वंदना ने कहा कि पीजीआईएमएस में महिलाओं के कैंसर की जांच के लिए हर गुरूवार को ओपीडी में विशेष क्लीनिक चलाया जाता है। उन्होंने कहा कि आज हम सभी को यहां से प्रण लेकर जाना है कि हम इस कैंसर को समय पर जांच करवाकर हरा कर रहेंगे। उन्होंने कहा कि जन-जन को लक्षणों की पहचान पहुंचाना है, कैंसर को हराना है। इस अवसर पर स्त्री एवं प्रसूति विभाग के चिकित्सक व सैकडों महिलाएं उपस्थित थीं।

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