पेप्सिको, टेमासेक और अल्फा वेव ग्लोबल के बाद अब हल्दीराम स्नैक्स फूड में अपनी हिस्सेदारी खरीदने के लिए अग्रवाल परिवार के साथ विस्तृत बातचीत कर रहा है। ये बिडर्स हल्दीराम में 10-15% हिस्सेदारी हासिल करना चाहते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पेप्सिको के न्यूयॉर्क स्थित वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल ही में इस संबंध में अग्रवाल परिवार के साथ बातचीत शुरू की है, हालांकि यह प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में है।
इससे पहले, मोंडेलेज़, केलॉग्स और टाटा कंज्यूमर के साथ भी हिस्सेदारी की बिक्री पर चर्चा की गई थी, लेकिन वे बातचीत बिना किसी समझौते के समाप्त हो गईं। पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंद्रा नूई के साथ हुई बातचीत भी सफल नहीं रही थी।
वित्तीय वर्ष 2024 में हल्दीराम ने 12,800 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया है। कंपनी का मूल्यांकन 85,000-90,000 करोड़ रुपए के बीच होने का अनुमान है। हल्दीराम भारतीय स्नैक इंडस्ट्री में प्रमुख स्थान रखता है और यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुसार भारत के 6.2 अरब डॉलर के स्नैक मार्केट में इसकी 13% हिस्सेदारी है।
पेप्सिको पहले से ही वेस्टर्न स्नैक्स के क्षेत्र में 24% बाजार हिस्सेदारी के साथ प्रमुख खिलाड़ी है। हालांकि, पारंपरिक भारतीय स्नैक्स जैसे भुजिया, नमकीन और चना चूर में उसकी उपस्थिति सीमित रही है। हल्दीराम के साथ साझेदारी करके पेप्सिको इन पारंपरिक भारतीय स्नैक्स में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहता है।
साल 2000 में पेप्सिको ने अंकल चिप्स का अधिग्रहण किया था, जो अब छोटे शहरों में एक प्रमुख वैल्यू ब्रांड बन चुका है।