रोहतक। रोहतक समेत पूरे हरियाणा में गर्मी का कहर जारी है। हरियाणा के महेंद्रगढ़ में तापमान 49.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। गर्मी ने यहां 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस बार जितनी गर्मी पड़ रही है उतनी शायद ही कभी पड़ी हो। लंबे समय तक गर्मी और लू का असर सेहत पर भी पड़ने लगा है। भीषण गर्मी में रहने से दिल, दिमाग और किडनी प्रभावित हो रहे हैं। हाई टेंपरेचर के कारण लोगों के सोचने समझने की क्षमता कम हो रही है। पीजीआई में गर्मी बढ़ने से एक ओर जहां पर ओपीडी में हार्ट के मरीजों की संख्या 10 फीसद तक कम हुई है तो वहीं भर्ती किए जाने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। सबसे बड़ी बात ये हैं कि गर्मी की वजह से हार्ट की कॉर्नरी में खून के थक्के बन रहे हैं और थक्का जमने वाले 15 मरीज इस समय पीजीआई में भर्ती हो चुके हैं।
हार्ट कॉर्नरी में बन रहे खून के थक्के
पीजीआई के सीनियर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आदित्य का कहना है कि जब हमारे शरीर से पसीना निकलता है तो उस समय हार्ट की पंपिंग तेज हो जाती है। ऐसे में उन मरीजों को ज्यादा दिक्कत होती है जिन्हें पहले से हार्ट की दिक्कत है। गर्मी में हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है। इससे इन मरीजों को ज्यादा दिक्कत होती है। वह कहते हैं कि गर्मी के कारण डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट संबंधी बीमारियों के मरीजों की मुश्किल बढ़ सकती है। यानि ये भीषण गर्मी आपके दिल, दिमाग और किडनी पर अटैक कर सकती है। पीजीआई में हीट स्ट्रोक के अब तक 4 मरीजों को भर्ती किया जा चुका है। इन सभी को बेहोशी की हालत में लाया गया था। इनके शरीर का तापमान 102 से 110 के बीच पाया गया। हालांकि उपचार के दौरान सभी को आराम मिल गया है।
हीट स्ट्रोक की वजह से आ रहा हार्ट अटैक
डॉक्टर आदित्य का कहना है कि ज्यादा गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। जिसकी वजह से खून का वॉल्यूम कम होने लगता है दिल पर इससे प्रेशर पड़ता है। हार्ट पर प्रेशर पड़ने के कारण दिल का दौरा पड़ने का रिस्क होता है। गर्मी में शरीर से पसीना भी ज्यादा बहता है। इससे शरीर में सोडियम की मात्रा कम हो जाती है। यह हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को सही से काम नहीं करने देता है। इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी सही न होने से हार्ट बीट बहुत तेज हो जाती है और इससे भी दिल पर प्रेशर पड़ता है। चूंकि इतने तापमान में हीट स्ट्रोक के मामले बढ़ जाते हैं तो ऐसे में हार्ट अटैक के केस भी बढ़ जाते हैं।
किडनी पर गर्मी का असर
इसके साथ ही तापमान बढ़ने से हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और हार्ट अटैक जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ती हैं। ये तीनों बीमारियां काफी खतरनाक हैं और जानलेवा भी हैं। ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है। डॉक्टर आदित्य का कहना है कि वर्तमान में बाहर का तापमान 47 डिग्री से ऊपर है। ऐसे में जो लोग ज्यादा देर तक गर्मी में बाहर रहते हैं वो डिहाइड्रेशन के शिकार हो जाते हैं। लोगों को यूरिन कम आता है क्योंकि ज्यादा पानी पसीने के रूप में निकल जाता है। ऐसे लोगों की किडनी की कार्यक्षमता पर प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में किडनी को विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इससे किडनी फेल होने का भी खतरा बढ़ता है और भी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
हीट एग्ज़ॉस्शन के मामले भी बढ़ेंगे
बढ़ रहे तापमान से हीट एग्ज़ॉस्शन (गर्मी से होने वाली थकावट) के मामले बढ़ रहे हैं। इसकी वजह से लोगों को पेट में दर्द, मितली- उल्टी और दस्त की समस्या हो रही है। गर्मी की वजह से थकावट महसूस करने वाले मरीजों में घबराहट, कमजोरी, सिरदर्द जैसी परेशानी भी देखी जा रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचते ही दिल और दिमाग के अलावा आंत, किडनी, फेफड़ों, लिवर और पैंक्रियाज की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। इसके चलते मरीज की जान का जोखिम बढ़ जाता है। शुगर के रोगियों को ज्यादा खतरा है। इसके साथ ही भीषण गर्मी में पाचन संबंधी समस्याएं भी होने लगती है। इसकी वजह है कि इस मौसम में कई तरह के बैक्टीरिया और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसकी वजह से उल्टी, दस्त और पेट दर्द की समस्या हो सकती है।