Saturday, April 19, 2025
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देश की जनता को Budget 2025 से है राहत की उम्मीद, जानें क्या चाहते हैं टैक्सपेयर्स

Budget 2025:  भारत के वित्तीय वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश होने में अब केवल कुछ ही दिन बचे हैं। केंद्र सरकार 1 फरवरी को बजट का अनावरण करेगी। दरअसल, महंगाई से जूझ रही जनता को राहत की उम्मीद है कि इस बार बजट में उनकी जेब की ख्याल रखा जाएगा और उन्हें पहले से कम दाम में प्रोडक्ट्स मिल सकेंगे।

रोटी, कपड़ा और मकान, इन तीन मूलभूत जरूरतों के बाद शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार हमारी सबसे अहम जरूरतें हैं। इस बजट में डायरेक्ट टैक्स से जुड़े प्रावधानों की घोषणा की जाती है। सरकार विभिन्न क्षेत्रों के लिए फंड का आवंटन करती है। देश के हर क्षेत्र और वर्ग की नजरें इस बजट पर टिकी हुई हैं।

क्या है बजट 2025 से टैक्सपेयर्स की उम्मीदें

1) इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव

सरकार को व्यक्तिगत आयकर दरों को संभावित रूप से कम करके मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए कर स्लैब को संशोधित करने पर विचार करना चाहिए। टैक्सपेयर्स 10 लाख रुपये की सीमा की उम्मीद कर रहे हैं।

2) नया आयकर कानून ला सकती है सरकार

ईटीवी भारत की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार बजट सत्र 2025 में नया आयकर कानून पेश करने की योजना बना रही है, जो करदाताओं को लाभान्वित करेगा और कर प्रणाली को सरल बनाएगा.

3) न्यू टैक्स रिजीम में होम लोन बेनीफिट्स

सुझाव है कि वित्त मंत्री को न्यू टैक्स रिजीम के तहत लाभ की पेशकश करके घर के स्वामित्व को प्रोत्साहित करना चाहिए, भले ही वे पुरानी कर व्यवस्था के तहत कम हों।

होमबॉयर्स को धारा 24 (बी) के तहत आवास ऋण पर उच्च ब्याज कटौती सीमा से लाभ हो सकता है। कम से कम एक घर के लिए चुकाए गए पूरे ब्याज पर कटौती की अनुमति दी जानी चाहिए या 2 लाख रुपये की मौजूदा सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जाना चाहिए।”

4) उच्च NPS कटौती

NPS कटौती सीमा को रु.50,000 से बढ़ाकर रु.1,00,000 करने और निकासी को पूरी तरह से कर-मुक्त बनाने की सलाह देते हैं।

5) टियर -2 शहरों के लिए एचआरए

उच्च लागत वाले शहरी केंद्रों में रहने वाले टैक्सपेयर्स के लिए समान उपचार सुनिश्चित करने के लिए, हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरु जैसे शहरों में 50% एचआरए (HRA) छूट का विस्तार करने की सिफारिश की है।

6) धारा 80 डी के तहत कर कटौती

बढ़ती स्वास्थ्य चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, धारा 80 डी के तहत कर कटौती सीमा को व्यक्तियों के लिए 50,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1,00,000 रुपये तक बढ़ा दिया जाना चाहिए, जो क्रमशः 25,000 रुपये और 50,000 रुपये है।

7) कैपिटल गेन टैक्स

इन्वेस्टमेंट प्रॉफिट पर टैक्स के संबंध में 2024 के बजट से कुछ बदलावों को फिर से देखने की जरूरत है। उनका यह भी कहना है कि क्योंकि स्टॉक प्रॉफिट पर टैक्स बढ़ गया है शॉर्ट टर्म के लिए 15% से 20% और लॉन्ग टर्म के लिए 10% से 12.5% तक, स्टॉक खरीदते और बेचते समय चुकाए जाने वाले टैक्स STT को हटा दिया जाना चाहिए।

8) सीनियर सिटिजन्स के लिए हायर बेसिक एक्जेम्प्शन लिमिट

वरिष्ठ नागरिकों को उनके वित्तीय दबावों को कम करने के लिए अधिक उदार छूट सीमा प्रदान करने की सिफारिश की है।

9) बचत योजनाएं: वित्तीय सुरक्षा का विस्तार

लघु बचत योजनाएं: वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष ब्याज दरों और जनसामान्य के लिए नई बचत योजनाओं की शुरुआत हो सकती है।

पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना: इन योजनाओं की ब्याज दरें बढ़ाकर आम नागरिकों को
प्रोत्साहित किया जा सकता है।

10) धारा 80 सी सीमा को संशोधित करना

ये 2014 से अपरिवर्तित रहा है, टैक्स सेविंग एफडी, पीपीएफ, आदि जैसे वित्तीय साधनों में निवेश को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण और बहुत आवश्यक है।

11) इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग

उम्मीद लगाई जा रही है कि सरकार इस बजट में नया स्मार्टफोन खरीदने वाले लोगों को कुछ राहत दे सकती है। दरअसल, फोन निर्माता कंपनियों ने सरकार से इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग की थी। अगर फोन में लगने वाले डिवाइस पर इंपोर्ट ड्यूटी कम होती है तो इसका मतलब है कि लोगों को फोन के लिए कम पैसे चुकाने होंगे। सरकार इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती का ऐलान कर सकती है।

12) इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स भी हो सस्ते

बजट में मोबाइल के अलावा बाकी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स भी सस्ते हो फोन कंपनियों की तरह इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ने भी सरकार से ऐसी मांग की है। दरअसल, एसोसिएशन चाहता है कि सरकार इन प्रोडक्ट्स में लगने वाले कंपोनेंट पर टैक्स कम कर दे। अगर यह मांग मान ली जाती है तो स्मार्ट टीवी समेत कई प्रोडक्ट्स की कीमतें कम हो सकती हैं।

13) इलेक्ट्रिक वाहनों जीएसटी

कंपनियों का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों में मौजूदा समय में 28 फीसदी जीएसटी लगता है। इसे कम करके 18 फीसदी इससे ग्राहकों के बीच इन वाहनों की मांग बढ़ेगी। सरकार को ग्रीन फ्यूचर के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी।

14) दोपहिया वाहनों पर जीएसटी

बजट से दोपहिया वाहनों पर जीएसटी में कटौती करने की मांग की गई है. इसके साथ ही ईवी बैटरी पर भी जीएसटी कम किया जाना चाहिए।

15) टेलीकॉम सेक्टर में भी राहत की उम्मीद

टेलीकॉम कंपनियां भी इंपोर्ट ड्यूटी और लाइसेंस फीस आदि कम करने की मांग कर रही हैं। अगर सरकार यह मांग स्वीकार कर लेती है तो कंपनियों को राहत मिलेगी। वो इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपना निवेश बढ़ा सकती हैं, जिससे ज्यादा ग्राहकों को बेहतर सर्विस मिल सकेगी।

16) देश को टीबी मुक्त और सौ फीसदी टीकाकरण

केंद्र सरकार देश को टीबी मुक्त बनाने, सौ फीसदी टीकाकरण और सांस्थनिक प्रसव को बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत है। इसके चलते राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का विस्तार 2026 तक किया गया है। इसलिए तय समय के भीतर लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इन कार्यक्रमों के लिए भी आवंटन बढ़ाया जा सकता है।

17) पीएम किसान योजना की राशि में बढ़ोतरी

बजट में वित्त मंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) की राशि में बढ़ोतरी कर सकती हैं. इस समय देश के करीब 11 लाख से अधिक किसानों को पीएम किसान योजना के तहत सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

संसद की स्थायी समिति ने इस राशि को बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की सिफारिश की है. अगर सरकार यह प्रस्ताव स्वीकार कर लेती है, तो किसानों को सालाना 12,000 की सहायता मिल सकती है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगी।

18) फसल बीमा योजना का विस्तार

एक रिपोर्ट के अनुसार, कृषि मंत्री ने हाल ही में फसल बीमा योजना के लाभों में बढ़ोतरी का संकेत दिया है। संसद की स्थायी समिति ने भी 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि वाले किसानों को यूनिवर्सल क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम की सुविधा प्रदान करने की सिफारिश की है। इससे अधिक किसानों को बीमा कवरेज मिल सकेगा, जो प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई में सहायक होगा।

19) वाहन स्क्रैपिंग को प्रोत्साहन

पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में नई योजनाओं और स्पष्ट नीतियों की घोषणा किया जाना चाहिए। इससे न केवल नए वाहनों की मांग बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण में भी कमी आएगी।

20) स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और शिक्षा क्षेत्र पर जीएसटी
स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और शिक्षा क्षेत्र से जीएसटी को हटाया जाना चाहिए ताकि कम प्रीमियम और कम फीस के कारण सभी लोग इस योजना के तहत कवर हो सकें।

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