Paush Month : पौष महीने की शुरुआत 16 दिसंबर से हो चुकी है। हिंदू धर्म में पौष महीने को बेहद अहम माना जाता है। इस में दान धर्म, तप, उपवास और साधना का विशेष महत्व है।
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस महीने में भगवान सूर्य की पूजा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है। भगवान भास्कर ग्यारह हजार रश्मियों के साथ तपकर सर्दी से राहत देते हैं। यही कारण है कि पौष महीने का भग नामक सूर्य साक्षात परब्रह्म का ही स्वरूप माना गया है।
वहीं पौष में मांगलिक कार्य नहीं करने की मान्यताएं हैं। क्योंकि इस महीने में किए गए मांगलिक कार्यों का कोई पुण्य फल प्राप्त नहीं होता।
पौष माह में प्रत्येक दिन सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए स्नान के बाद सूर्य देव को जल में लाल फूल, लाल चंदन और अक्षत् डालकर अर्पित करना चाहिए। इस दौरान सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए।
हिंदू पुराणों के अनुसार, पौष महीने में पड़ने वाले हर रविवार को भगवान सूर्य को तांबे के बर्तन में लाल चंदन और लाल फूल मिश्रित जल देना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार, पौष माह शुभ कार्य के लिए शुभ नहीं होता है। इसलिए इस माह नया कार्य अगले माह के लिए टाल दें।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पौष माह में दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस महीने में जरूरतमंदों को गर्म कपड़े, अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
(यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं)