Thursday, November 21, 2024
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चंडीगढ़ मेयर चुनाव को रद्द करने को लेकर विपक्ष ने उठाई मांग, हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई

याचिका में मेयर चुनाव की प्रक्रिया को रद्द करने, चुनाव से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड सील करने, मेयर के पदभार संभालने पर रोक लगाने, इस पूरी चुनावी प्रक्रिया में हुई धांधली की जांच करवाने और नए सिरे से हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में चुनाव करवाने का निर्देश जारी करने की अपील की गई है।

चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव को रद्द करने को लेकर विपक्ष ने मांग उठाई है। दरअसल चंडीगढ़ में मंगलवार को हुए मेयर चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ था। 16 वोट के साथ भाजपा के मनोज सोनकर जीत गए थे। वहीं आप और कांग्रेस गठबंधन के 20 में से 8 वोट अमान्य घोषित कर दिए गए थे। हार के बाद गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप टीटा हाईकोर्ट पहुंच गए थे और चुनाव रद्द कर दोबारा करवाने की याचिका दायर की थी।

आज पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चंडीगढ़ मेयर चुनाव में मतपत्रों से छेड़छाड़ कर भाजपा के प्रत्याशी को जिताने के आरोपों पर सुनवाई होगी। याचिका में मेयर चुनाव की प्रक्रिया को रद्द करने, चुनाव से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड सील करने, मेयर के पदभार संभालने पर रोक लगाने, इस पूरी चुनावी प्रक्रिया में हुई धांधली की जांच करवाने और नए सिरे से हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में चुनाव करवाने का निर्देश जारी करने की अपील की गई है।

चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव का मामला एक बार फिर से विवाद में आ गया है और चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए मेयर पद के लिए कांग्रेस-आप के प्रत्याशी कुलदीप कुमार ने चुनाव को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।याचिका में बताया गया कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव तय हुए थे। तय कार्यक्रम के तहत मंगलवार को चुनाव भी हुआ, लेकिन मेयर चुनाव में कांग्रेस-आप के 20 में से 8 वोट अवैध करार दे दिए गए, जिसके चलते भाजपा का उम्मीदवार मेयर पर चुन लिया गया।

याचिका में आरोप लगाया कि वोटों की गिनती के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने मतपत्रों से छेड़छाड़ की थी जिसके चलते उनके वोट अवैध करार दिए गए। कुलदीप कुमार की तरफ से सीनियर एडवोकेट गुरमिंदर सिंह ने दोपहर सवा दो बजे हाईकोर्ट से आग्रह किया कि उनकी इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए और इस चुनाव का रिकॉर्ड सील किया जाए क्योंकि यह सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है। हाईकोर्ट ने याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इन्कार कर बुधवार सुबह सुनवाई करना तय किया है।

याचिका में बताया गया कि हाईकोर्ट में चंडीगढ़ के डीजीपी ने पारदर्शी चुनाव करवाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई थी बावजूद इसके चुनाव निष्पक्ष नहीं हुए। बीजेपी के प्रत्याशी को जिताने के लिए आप-कांग्रेस गठबंधन के वोटों के साथ छेड़छाड़ हुई। ऐसे में हाईकोर्ट से अपील की गई कि इस धांधली भरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द करते हुए नए सिरे से चुनाव करवाने का निर्देश दिया जाए। चुनाव हाईकोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में करवाया जाए ताकि इसकी निष्पक्षता बरकरार रहे। चुनावी प्रक्रिया के दौरान जो धांधली हुई है इसकी जांच के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एसआईटी गठित की जाए और चुनाव से जुड़ा पूरा रिकार्ड सील किया जाए।

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