हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि एकमुश्त निपटान स्कीम 2025 से प्रदेश के लाखों छोटे करदाताओं को लाभ मिलेगा। इस योजना को प्रदेश में अप्रैल माह में लागू कर दिया जाएगा और इस योजना का फायदा उठाने के लिए 180 दिनों के अंदर आवेदन करना होगा। इस योजना की 3 स्लैब बनाई गई है। अहम पहलू यह है कि 1 लाख से लेकर 10 लाख और 10 लाख से लेकर 10 करोड़ तथा 10 करोड़ से ऊपर की स्लैब में व्यापारियों व उद्यमियों को फायदा होगा। इस योजना के लागू होने के बाद व्यापारियों को लिटिकेशन से भी निजात मिलेगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रविवार को कुरुक्षेत्र में हरियाणा कला परिषद के सभागार में हरियाणा आबकारी एवं काराधान विभाग की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा,विधायक पवन कुमार, प्रधान सचिव दवेन्द्र सिंह कल्याण, आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने दीप शिखा प्रज्ज्वलित करके विधिवत रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया और हरियाणा आबकारी एवं काराधान विभाग की एकमुश्त निपटान योजना 2025 का विधिवत रूप से शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक समृद्धि और सुशासन के लिए एक पारदर्शी और न्यायसंगत कराधान प्रणाली आवश्यक है। अगर कर प्रणाली सरल और प्रभावी होती है, तो व्यापारियों, उद्यमियों और निवेशकों को लाभ होता है और आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ती हैं।
करदाताओं, विषेशकर छोटे दुकानदारों, उद्यमियों व व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक मुश्त निपटान स्कीम-2025 स्कीम से हजारों करदाताओं, विषेशकर छोटे दुकानदारों, उद्यमियों व व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी। यह स्कीम करदाताओं को पुराने वित्तीय बोझ से मुक्त कर एक नई शुरुआत करने का अवसर देगी। उन्होंने कहा कि ‘एक मुश्त निपटान स्कीम-2025’ स्कीम हरियाणा के उन करदाताओं के लिए है, जो किन्हीं कारणों से अपने करों की बकाया राशि का भुगतान नहीं कर सके। इस स्कीम के तहत 10 लाख रुपये तक की बकाया राशि वाले करदाताओं को 1 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी हम वर्ष 2023 में एक मुश्त निपटान स्कीम लाई गई थी, लेकिन उस स्कीम में कुछ अड़चनें आ गई थी। अब नई स्कीम में अड़चनों को दूर कर दिया गया है। ‘एक मुश्त निपटान स्कीम-2025’ में बकाया कर का वर्गीकरण नहीं किया गया है। यह योजना संचयी निर्धारित बकाया राशि पर आधारित होगी। इस योजना के तहत जुर्माना राशि एवं ब्याज राशि से पूरी तरह से छूट दी जाएगी।
बकाया करों का भुगतान करने हेतु तीन स्लैब बनाई
उन्होंने कहा कि इस स्कीम में सरकार ने करदाताओं की सुविधा के लिए बकाया करों का भुगतान करने हेतु तीन स्लैब बनाई हैं। करदाता को 10 लाख रुपये तक के संचयी निर्धारित बकाया कर के भुगतान के लिए 10 लाख रुपये में से 1 लाख रुपये तक की छूट को कम करने के बाद उसे 40 प्रतिशत भुगतान करना होगा। 10 लाख रुपये से अधिक व 10 करोड़ रुपये तक के संचयी निर्धारित बकाया कर देयताओं के लिए करदाता को 50 प्रतिशत राषि का भुगतान करना होगा। इसी तरह से करदाता को 10 करोड़ रुपये से अधिक के संचयी निर्धारित बकाया कर की देयताओं का 100 प्रतिशत भुगतान करना होगा। यही नहीं, 10 लाख रुपये के बकाया कर से अधिक की निपटान राशि वाले करदाताओं को 2 किस्तों में अदायगी करने का विकल्प दिया गया है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जो कोई भी इस योजना का विकल्प चुनता है, उसे बकाया कर देयता में किसी भी प्रकार के संशोधन का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस स्कीम के तहत सरकार ने छोटे से छोटे व्यापारी से लेकर बड़े से बड़े व्यापारी तक को रियायत दी हैं। इससे आज प्रदेश में व्यापारियों के लिए ईमानदारी से अपना कारोबार करने के लिए बड़ा ही अच्छा, सुरक्षित एवं अनुकूल माहौल है।
पिछले तीन से चार वर्षों के ऑडिट एक बार में ही किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जी.एस.टी. में कुछ नई पहल की गई हैं। अब करदाताओं की सुविधा के लिए हरियाणा जी.एस.टी. अधिनियम, 2017 की धारा 65 के तहत किए जाने वाले पिछले तीन से चार वर्षों के ऑडिट एक बार में ही किए जाएंगे। इससे व्यापारियों को बार-बार विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसी तरह से पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रत्येक ई.टी.ओ. और डी.ई.टी.सी. कार्यालय कक्षों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि प्राप्त अन्य सुझावों में कृषि उपकरणों पर जी.एस.टी. छूट,जी.एस.टी. रिफंड का स्वचालन, मासिक के बजाय वार्षिक स्व-मूल्यांकन और बिल जारी करने की सीमा को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करना भी शामिल हैं। इन सुझावों की सिफारिश हरियाणा सरकार जी.एस.टी. परिषद को करेगी।