प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में एक देश एक चुनाव यानी वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी है। बुधवार को मोदी कैबिनेट ने बैठक में देश में एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मिली जानकारी के अनुसार ,दोपहर 3 बजे मोदी कैबिनेट की मीटिंग में लिए गए फैसले पर ब्रीफिंग दी जाएगी। जिसके बाद शीतकालीन सत्र में एनडीए सरकार यह बिल संसद में लेकर आएगी।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक हाई लेवल पैनल ने लोकसभा और राज्य विधान सभाओं दोनों के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी। इसके लिए पैनल ने 18 संवैधानिक संशोधनों का भी सुझाव दिया, जिनमें से अधिकांश को राज्य विधानसभा की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है, लेकिन संवैधानिक संशोधन विधेयक के रूप में संसद की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने इस मुद्दे पर 62 पार्टियों से संपर्क किया था। इनमें 47 राजनीतिक दलों ने अपनी राय दी थी, जबकि 15 पार्टियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। प्रतिक्रिया देने वाले 47 दलों में से 32 ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन किया था, जबकि 15 पार्टियों ने इसका विरोध किया था।
वन नेशन वन इलेक्शन के फायदे
- चुनाव पर होने वाले करोड़ों के खर्च से बचत।
- बार बार चुनाव कराने से निजात।
- फोकस चुनाव पर नहीं बल्कि विकास पर होगा।
- बार-बार आचार संहिता का असर पड़ता है।
- काले धन पर लगाम भी लगेगी।