Friday, May 3, 2024
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महाशिवरात्रि पर शनि -शुक्र-सूर्य कुंभ राशि में, बनेंगे 5 दुर्लभ संयोग, जानें क्या है पूजा का मुहूर्त-शुभ योग

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रोहतक। महाशिवरात्रि के पर्व का उत्साह भोले के भक्तों में देखता बन रहा है, मंदिर सज रहे है। इस बार ये पर्व बेहद खास होने वाली है क्योंकि महाशिवरात्रि पर 5 शुभ संयोग बन रहे हैं। माना जा रहा है की इस दिन शुक्र प्रर्दोष व्रत के साथ शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग गजकेसरी योग व चतुर्ग्रही योग का भी संयोग बन रहा है, जो लगभग 300 साल में एक बार बनता है। भगवान शिव की पूजा में यह दुर्लभ योग शीघ्र फल देने वाला है। ज्योतिषों की माने तो ऐसे में इस बार महाशिवरात्रि पर व्रत रखकर भोलेनाथ की पूजा करने से शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

शिव की रात्रि पर इस साल ग्रहों की बदलती चाल के साथ कई शुभ संयोग बनने जा रहे हैं। इस वजह से ये महाशिवरात्रि बेहद खास रहने वाली है। महाशिवरात्रि के ठीक एक दिन पहले शुक्र कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और बुध का गोचर मीन राशि में होगा। इस साल की महाशिवरात्रि पर शनि, शुक्र, सूर्य की युति कुंभ राशि में और राहु और बुध की युति मीन राशि में बनेगी। मंगल और चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहकर लक्ष्मी योग बनाएंगे। वहीं, महाशिवरात्रि पर शिव योग, सिद्ध योग, सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ श्रवण नक्षत्र और धनिष्ठा नक्षत्र का निर्माण होने जा रहा है।

हर साल फागुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार यह पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा। जिसमें सबसे खास बात यह है कि महाशिवरात्रि और शुक्र प्रदोष व्रत एक साथ ही हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के लिए मुहूर्त या पंचांग की जरुरत नहीं होती है। भगवान शिव काल से भी परे हैं, वे महाकाल है, उन पर राहुकाल आदि का कोई प्रभाव नहीं होता है। उनसे तो स्वयं काल भी डरता है। हालांकि महाशिवरात्रि के दिन चार प्रहर की पूजा महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। आइए जानते है महाशिवरात्रि पर चार प्रहर के पूजा मुहूर्त, शुभ योग आदि के बारे में…

महाशिवरात्रि की रात्रि की प्रथम प्रहर पूजा का मुहूर्त शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक है। दूसरे प्रहर के पूजा का मुहूर्त रात 09 बजकर 28 मिनट से रात 12 बजकर 31 मिनट तक है। वहीं रात्रि के तीसरे प्रहर की पूजा का मुहूर्त देर रात 12 बजकर 31 मिनट से तड़के 03 बजकर 34 मिनट तक है। उसके बाद महाशिवरात्रि की रात्रि के चौथे प्रहर की पूजा का मुहूर्त 9 मार्च को प्रात: 03 बजकर 34 मिनट से सुबह 06 बजकर 37 मिनट तक है।

महाशिवरात्रि वाले दिन शिव जी की निशिता पूजा का शुभ मुहूर्त देर रात 12 बजकर 07 मिनट से प्रारंभ है, जो 12 बजकर 56 एएम तक मान्य है। जिन लोगों को ब्रह्म मुहूर्त स्नान करके महाशिवरात्रि की पूजा करना है, उनके लिए शुभ मुहूर्त प्रात: 05 बजकर 01 मिनट से 05 बजकर 50 मिनट तक है। महाशिवरात्रि के दिन का शुभ मुहूर्त यानी अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक है। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि होती है। इस बार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि 08 मार्च को 09:57 पीएम से 9 मार्च को शाम 06:17 पीएम तक मान्य है। महाशिवरात्रि व्रत का पारण 9 मार्च को सूर्योदय के बाद होगा। पारण समय 06:37 एएम से 03:29 पीएम के बीच कभी भी कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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