हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन संघ लिमिटेड (हैफेड) द्वारा रेवाड़ी जिले के रामपुरा में सरसों तेल का अत्याधुनिक मिल स्थापित किया जाएगा। मिल की प्रारंभिक प्रसंस्करण क्षमता 150 टीपीडी होगी, जिसे 300 टीपीडी तक बढ़ाया जा सकेगा। यह परियोजना डिज़ाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) आधार पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत क्रियान्वित की जाएगी।
इस संबंध में जानकारी यहां मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में दी गई। बैठक में बताया गया कि यह संयंत्र अनुबंध प्रदान किए जाने की तिथि से 18 महीने के भीतर चालू होने की उम्मीद है। संयंत्र में विश्वस्तरीय प्रसंस्करण मानक अपनाए जाएंगे और कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा।
गौरतलब है कि रामपुरा भिवानी, महेन्द्रगढ़, हिसार, रोहतक, झज्जर और रेवाड़ी जैसे प्रमुख सरसों उत्पादक जिलों से जुड़ा हुआ है। ये जिले संयुक्त रूप से हरियाणा के कुल तोरिया-सरसों उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत योगदान करते हैं, जिससे कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होती है। संयंत्र की वार्षिक आवश्यकता 45,000 मीट्रिक टन होगी, जो कैचमेंट क्षेत्र की उपलब्धता का लगभग 10 प्रतिशत है। इस प्रकार, संयंत्र का संचालन नियमित और स्थिर रहेगा।
प्रस्तावित स्थल कैचमेंट क्षेत्र से 200 किलोमीटर की परिधि में स्थित है और बेहतरीन सड़क तथा रेल नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। इससे सुचारू खरीद, परिवहन और वितरण के साथ-साथ प्रदेश के तिलहन क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता और सुदृढ़ होगी।
बैठक में नगर एवं ग्राम आयोजना तथा शहरी सम्पदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए.के. सिंह, सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेंद्र कुमार, हैफेड के प्रबंध निदेशक मुकुल कुमार तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।