Monday, January 6, 2025
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एनवीडिया ने भारत में बढ़ाए साझेदारी के कदम, हिंदी भाषा के लिए लॉन्च किया हल्का एआई मॉडल

चिप निर्माता एनवीडिया ने गुरुवार को भारत की प्रमुख कंपनियों, जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज, के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत किया। इसके साथ ही कंपनी ने हिंदी भाषा के लिए एक हल्का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल लॉन्च किया है, ताकि वह भारत के बढ़ते बाजार में अपनी पैठ बना सके।

एनवीडिया इस समय मुंबई में एक एआई समिट की मेजबानी कर रहा है। इस समिट में कंपनी के सीईओ जेन्सन हुआंग ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के साथ बातचीत की।

हुआंग ने कहा, “एनवीडिया भारत में एआई का प्रतीक है। इस साल के अंत तक, भारत में हमारी कंप्यूटिंग क्षमता एक साल पहले की तुलना में लगभग 20 गुना अधिक होगी।”

एआई में भारतीय भाषाओं का बढ़ता योगदान

भारत की बड़ी कंपनियों से लेकर स्टार्टअप तक, सभी एआई मॉडल्स को भारतीय भाषाओं के आधार पर विकसित करने में जोर दे रहे हैं। इसका उद्देश्य ग्राहकों को आकर्षित करना और कस्टमर सर्विस एआई असिस्टेंट्स तथा सामग्री अनुवाद जैसी सेवाओं को बढ़ावा देना है।

एनवीडिया ने घोषणा की कि उसने “नेमोट्रॉन-4-मिनी-हिंदी-4बी” नामक एक छोटा भाषा मॉडल लॉन्च किया है, जिसमें 4 बिलियन पैरामीटर्स हैं। यह मॉडल कंपनियों को अपने एआई मॉडल विकसित करने में सहायता करेगा।

टेक महिंद्रा बना पहला उपयोगकर्ता

भारतीय आईटी सेवा प्रदाता टेक महिंद्रा एनवीडिया के इस मॉडल का उपयोग करने वाला पहला संगठन है। टेक महिंद्रा ने इसका उपयोग करते हुए “इंडस 2.0” नामक एक कस्टम एआई मॉडल विकसित किया है, जो हिंदी और इसकी दर्जनों बोलियों पर केंद्रित है।

भारत में एआई का विस्तार

एनवीडिया भारत की आईटी कंपनियों जैसे इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो के साथ साझेदारी कर रहा है, ताकि लगभग 5 लाख डेवलपर्स को एआई एजेंट डिजाइन और तैनात करने की ट्रेनिंग दी जा सके।

इसके अलावा, रिलायंस और ओला इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियां एनवीडिया की “ऑम्नीवर्स” सिमुलेशन तकनीक का उपयोग करेंगी, जो उन्हें फैक्टरी योजनाओं का वर्चुअल परीक्षण करने की अनुमति देती है।

हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं पर ध्यान

भारत में 1.4 अरब की आबादी का केवल 10% हिस्सा अंग्रेजी बोलता है, जबकि संविधान में 22 भाषाओं को मान्यता दी गई है। ऐसे में, हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं पर आधारित छोटे भाषा मॉडल भारतीय कंपनियों के लिए अधिक आकर्षक हैं।

एनवीडिया का भारत में लंबा इतिहास

एनवीडिया ने लगभग दो दशक पहले भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। कंपनी के पास भारत में इंजीनियरिंग और डिजाइन सेंटर हैं, जो बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों में स्थित हैं।

सितंबर 2023 में, रिलायंस और एनवीडिया ने भारत में एआई सुपरकंप्यूटर विकसित करने और भारतीय भाषाओं पर आधारित बड़े भाषा मॉडल बनाने का संकल्प लिया था। बाद में, एनवीडिया ने टाटा समूह के साथ भी इसी तरह की साझेदारी की घोषणा की।

एआई समिट में उमड़ी भारी भीड़

गुरुवार के कार्यक्रम में भारी भीड़ जमा हो गई, जिसके कारण समिट आधे घंटे से अधिक देर से शुरू हुआ। एनवीडिया के एक कर्मचारी ने कहा, “यह संख्या आसानी से कुछ हजार रही होगी।”

भारत में एआई और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रयास बड़े एआई हब जैसे ताइवान को टक्कर देने में अभी समय ले सकता है।

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